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उपायुक्त ने निभाई शिक्षक की भूमिका, छात्रों को बताया 26 जनवरी का इतिहास

उपायुक्त ने निभाई शिक्षक की भूमिका, छात्रों को बताया 26 जनवरी का इतिहास

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उत्क्रमित उच्च विद्यालय द्वारिका और प्राथमिक विद्यालय भूईयां द्वारिका चास टू का किया निरीक्षण

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उपायुक्त ने छात्रों से किया संवाद, विद्यालय शिक्षकों को बच्चों को सामान्य ज्ञान का भी पाठ – पढ़ाने को कहा

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शिक्षा को केवल निरीक्षण तक सीमित न रखते हुए, उपायुक्त श्री अजय नाथ झा ने बुधवार को उत्क्रमित उच्च विद्यालय द्वारिका (चास) का औचक निरीक्षण करते हुए स्वयं शिक्षक की भूमिका निभाई। वह कक्षा 08 में गएं। जहां छात्र यूरोप में राष्ट्रवाद के उदय से संबंधित अध्याय की पढ़ाई कर रहे थे। उन्होंने छात्रों से इस संबंध में जानकारी ली, उनसे फ्रांस की क्रांति कब हुई पूछा, हमारा देश कब स्वतंत्र हुआ आदि पूछा। सभी बच्चों ने त्वरित इसका जवाब दिया। जिस पर उपायुक्त ने प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने छात्रों को भारत की आजादी से पूर्व 26 जनवरी तारीख का क्या महत्व था, संविधान को लागू करने के लिए 26 जनवरी 1950 की तारीख को क्यों चुना गया, इसका विश्लेषण करते हुए छात्रों को परिचित कराया। उन्होंने उपस्थित शिक्षक को बच्चों को सामान्य ज्ञान से जुड़ी बातें भी बताने को कहा। 

निरीक्षण के दौरान उपायुक्त ने छात्रों से सीधे संवाद किया। वह विद्यालय के कक्षा 09 में भी गएं, जहां छात्र अंग्रेजी के विषय में विंड (हवा) का चैप्टर पढ़ रहे थे। उन्होंने छात्रों को कहा कि अपना व्यक्तित्व हवा की तरह बनाइएं – जो दिखती नहीं, लेकिन सबको महसूस होती है। कहा कि किसी का व्यक्तित्व केवल पहनावे या बातों से नहीं, बल्कि उसके व्यवहार - सोच से झलकता है। जिस तरह हवा अपने अस्तित्व को बिना दिखे भी हर किसी को प्रभावित करती है, वैसे ही एक अच्छा इंसान अपने व्यक्तित्व से लोगों के बीच अपना स्थान बनाता है। शिक्षा का उद्देश्य केवल परीक्षा पास करना नहीं, बल्कि एक बेहतर नागरिक बनना है।

निरीक्षण में पाई खामियां और दिए अहम निर्देश

निरीक्षण क्रम में उपायुक्त ने विद्यालय की व्यवस्थाओं की बारीकी से समीक्षा की। इस दौरान कई बिंदुओं पर नाराजगी जताई। उन्होंने खेद व्यक्त किया कि फरवरी 2025 से अब तक विद्यालय में शिक्षा विभाग के अधिकारी द्वारा कोई निरीक्षण नहीं किया गया है। उन्होंने इसे प्रशासनिक उदासीनता का संकेत बताया और इस पर शीघ्र संज्ञान लेने की बात कहीं।

विद्यालय में पुस्तकालय की स्थिति अपेक्षित स्तर की नहीं थी। उसे एक सप्ताह में बेहतर बनाने को कहा। पुस्तकालय को तहसिल कचहरी के उपर तल्ले पर व्यवस्थित करने का निर्देश दिया। बीडीओ/सीओ – मुखिया को सुनिश्चित करने को कहा। 

उपायुक्त ने कहा कि विद्यालय आने वाले कल की बुनियाद का निर्माण करता है। सभी शिक्षक अपने कर्तव्य और दायित्व बोध पर राष्ट्र गौरव का अनुभव करें और पूरे मन से बच्चों का व्यक्तित्व गढ़ें। विद्यालय में बेहतर शैक्षणिक वातावरण की भरपूर संभावना है। 

प्राथमिक विद्यालय भूईयां द्वारिका चास टू का भी किया निरीक्षण

निरीक्षण के क्रम में उपायुक्त ने प्राथमिक विद्यालय भूईयां द्वारिका चास टू का भी दौरा किया। उन्होंने कक्षा तीन की छात्रा डौली कुमारी एवं कक्षा 04 की छात्रा अनु कुमारी से संवाद किया, उनके कापी को देखा। इस दौरान उन्होंने विद्यालय मे मिड-डे मील की गुणवत्ता का जांच किया और संतोषजनक स्तर न पाए जाने पर जिला शिक्षा पदाधिकारी को जरूरी निर्देश दिया। उन्होंने डीएसई को सभी विद्यालयों में एमडीएम में हरी सब्जियों की अनिवार्य उपलब्धता सुनिश्चित करने को कहा। 

उपायुक्त ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और पौष्टिक भोजन, दोनों बच्चों के समग्र विकास के लिए जरूरी हैं। उन्होंने स्पष्ट कहा कि विद्यालय केवल पढ़ाई का स्थान नहीं, बल्कि भावी नागरिकों के निर्माण की प्रयोगशाला हैं। शिक्षकों - प्रधानाध्यापकों और शिक्षा अधिकारियों से अपेक्षा है कि वे इस दायित्व को गंभीरता से निभाएं।

वहीं, विद्यालय परिसर के प्रवेश द्वार पर जल जमाव देख मुखिया को जमीन पर मिट्टी भरने का निर्देश दिया। बीडीओ को निगरानी को कहा।  

मौके पर प्रखंड विकास पदाधिकारी डा. प्रदीप कुमार, अंचलाधिकारी श्री दिवाकर दूबे, सहायक जनसंपर्क पदाधिकारी अविनाश कुमार सिंह, नोडल पदाधिकारी श्री पंकज दूबे, परियोजना पदाधिकारी श्री माणिकचंद प्रजापति आदि उपस्थित थे।   

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