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तेनुघाट व्यवहार न्यायालय के जिला जज द्वितीय सूर्य मणि त्रिपाठी ने हत्या के आरोप में तौहीद अंसारी, राजू उर्फ शराफत, सफदर अंसारी, कुद्दुस अंसारी, कबीर अंसारी, मुख्तार अंसारी , कयूम अंसारी और सगीर अंसारी को सिद्ध दोषी पाने के बाद आजीवन कारावास की सजा सुनाई

मो० शबा की रिपोर्ट 

तेनुघाट ---- तेनुघाट व्यवहार न्यायालय के जिला जज द्वितीय सूर्य मणि त्रिपाठी ने हत्या के आरोप में तौहीद अंसारी, राजू उर्फ शराफत, सफदर अंसारी, कुद्दुस अंसारी, कबीर अंसारी, मुख्तार अंसारी , कयूम अंसारी और सगीर अंसारी को सिद्ध दोषी पाने के बाद आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।

मालूम हो कि गोमिया थाना क्षेत्र के लोधी निवासी पूर्व पंसस मो. ऐनुल अंसारी ने 20 मई वर्ष 2014 को सामुदायिक अस्पताल गोमिया में थाना प्रभारी के समक्ष बयान दर्ज कराया कि वह लोधी पंचायत का पंचायत समिति सदस्य है। सुबह जब सूचक ऐनुल का भतीजा शम्मीउलाह को गांव का ही वाहिद अंसारी ने अपने घर के पास पकड़ कर मारपीट कर दिया। इस बारे में जानकारी उसने घर पर आकर दिया।

तब सूचक उसे साथ लेकर मो. इस्लाम अंसारी को कहने गया कि तुम्हारे साला वाहिद अंसारी ने मेरे भतीजा शम्मीउलाह के साथ मार पीट किया। इस पर इस्लाम अंसारी ने गाली गलौज करते हुए घर से रॉड निकाल कर सूचक के साथ आए भतीजा शमशेर अंसारी को मार दिया। इस पर झगड़ा हुआ और समसुद मियां, शकूर मियां और उनके साथ अन्य शामिल हो जिसमें सभी के पास लाठी, फरसा, लोहे का रॉड और चाकू था। जिसमें वाहिद अंसारी ने अपने हाथ में लिए फरसा से शमशेर अंसारी के सिर पर मारा, जिससे वह गिर गया और उसके माथा से खून बहने लगा। जब उसे सूचक और उसके भतीजा हबीबुल्लाह बचाने गए तो सभी मिलकर सूचक एवं अन्य के साथ भी मारपीट की। मारपीट में शमशेर अंसारी की मृत्यु हो गई और हबीबुल्लाह गंभीर रूप से जख्मी हो गया।

उक्त बयान के आधार पर गोमिया थाना में मामला दर्ज किया गया। आरोप पत्र समर्पित होने के बाद मामला स्थानांतरित होकर जिला जज द्वितीय सूर्य मणि त्रिपाठी के न्यायालय में आया। न्यायालय में उपलब्ध गवाह एवं दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के बहस सुनने के बाद जिला जज द्वितीय त्रिपाठी ने हत्या के मामले में आरोपी तौहीद अंसारी, राजू उर्फ शराफत, सफदर अंसारी, कुद्दुस अंसारी, कबीर अंसारी, मुख्तार अंसारी, कयूम अंसारी और सगीर अंसारी को सिद्ध दोषी पाने के बाद आजीवन कारावास की सजा सुनाई। अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक विजय कुमार साहू के साथ सूचक के अधिवक्ता अरुण कुमार सिन्हा ने बहस किया।

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