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झारखंड/ साहिबगंज
माननीय झारखण्ड राज्य विधिक सेवा प्राधिकार, रांची के निर्देशानुसार एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकार, साहेबगंज के तत्वाधान में मोटर दुर्घटना दावा वाद को लेकर एक कार्यशाला का आयोजन व्यवहार न्यायालय, साहेबगंज परिसर के लोक अदालत कक्ष में किया गया।
जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव सह वरीय सिविल जज धर्मेन्द्र कुमार ने बताया कि यह कार्यशाला मोटर दावा के मामले में काफी उपयोगी साबित होगा।
कानून की पूरी जानकारी के अभाव में लोगों को मोटर दुर्घटना दावा नहीं मिल पाता है। उन्होंने कहा कि दावा के मामले में सबसे बड़ी भूमिका पुलिस अधिकारीयों और बीमा कंपनीयों की होती है। पुलिस अधिकारीयों को ऐसे मामले में पीड़ित पक्ष के साथ लचीला व्यवहार रखना चाहिए और उन्हें उचित मुआवजा मिल सके इसके लिए कानून के पूरे प्रावधान का पालन करना चाहिए।
मनोज कुमार सिंह, प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकार के आदेशानुसार इस कार्यशाला को बेहतर बनाने हेतु आमजन में इसी प्रकार प्रचार-प्रसार कार्य करने के लिए पुलिसकर्मियों, बिमाकर्मियों और सम्बंधित लोगों को प्रशिक्षित किया जाएगा ताकि आमजन जागरूक होकर अपना दावा प्राप्त कर सके ।
उन्होंने यह भी बताया कि मोटर दुर्घटना दावा को लेकर विशेष लोक अदालत का आयोजन भी किया जाता है । संबंधित पक्ष जिनका मामला लंबित है सुलह समझौता के आधार पर वाद का निस्तारण करवा सकते हैं ।
डीजे थर्ड बीरेंद्र कुमार श्रीवास्तव की ओर से कहा गया है कि जांच एजेंसियों को सड़क दुर्घटना को लेकर झारखंड सरकार द्वारा जारी नियम का पालन करना होगा. उन्हें सड़क सुरक्षा एवं परिवहन विभाग के साथ समन्वय स्थापित करना होगा.सड़क दुर्घटना के पीड़ितों को उनका हक दिलाना हमारा संयुक्त कर्तव्य है।
इस क्रम में पुलिस अधीक्षक नौशाद आलम ने अपने संबोधित में कहा कि पुलिस को जनता के साथ समन्वय बनाकर अपनी जिम्मेदारी पूरी शिद्दत से निभानी चाहिए। गरीबों को सभी योजनाओं द्वारा संरक्षित किया जाना चाहिए, जो सरकार द्वारा उनके लिए बनाए गए हैं।
कार्यशाला के दौरान न्यायिक दंडाधिकारी एस के वर्मा, लोक अभियोजक, सहायक लोक अभियोजक, परिवहन विभाग के अधिकारी, पुलिस स्टेशन के सभी प्रभारी अधिकारी, अन्य पुलिस अधिकारी, पीएलवी, अदालत कर्मचारी एवं अन्य उपस्थित थे।
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