गुंजन आनंद
ब्यूरो/ पाकुड़
मन में चाह और और संकल्प दृढ़ हो तो उन्हें परिश्रम का फल प्राप्त होता ही है। ऐसा ही कुछ कर दिखाया है पाकुड़ सदर अस्पताल में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे एक गरीब परिवार के किसान का पुत्र मलय साहा ने । ऐसे तो मूल रूप से मलय साहा, पिता- दशॕन साहा , गॖाम- चोरकटटा , पो०- आसनसोल , जिला- दुमका झारखंड का रहने वाले हैं | वे स्नातक (भौतिक विज्ञान) करने के बाद झारखंड संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा बोर्ड से झारखंड राज्य पारामेडिकल परिषद की परीक्षा दिया था। जिसमे वे उत्तीर्ण होने में सफलता प्राप्त की। फिर उन्हें 1 वर्षीय सर्टिफिकेट (डिप्लोमा) कोर्स परीधावक ( ड्रेसर ) के रूप में शहीद निर्मल महतो चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल धनबाद भेजा गया । वहां वे सफलतापूर्वक अध्यापन किया तथा प्रशिक्षण के लिए सदर अस्पताल पाकुड़ भेजा गया । एक वर्ष परीधावक (डेॗसर )प्रशिक्षण पूर्ण करने के उपरांत झारखंड राज्य पारामेडिकल परिषद रांची मे परीक्षा ली गई। जिसमे मलय साहा शहीद निर्मल महतो चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल धनबाद से सर्वाधिक अंक प्राप्त कर टॉप रेंक प्राप्त किया है। झारखंड में तीन मेडिकल कॉलेजों में से शहीद निर्मल महतो चिकित्सा महाविद्यालय भी एक है । एक मुलाकात में श्री मलय ने बताया कि 2 मेडिकल कॉलेजों की परीक्षाफल प्रकाशित हो चुके हैं ।दोनों मेडिकल कॉलेज में सर्वाधिक अंक मुझे प्राप्त हुआ है। उन्होंने बताया कि इसका सारा सारा श्रेय अपना माता- पिता एवं मित्रों के साथ साथ एस एन एम एम सी एच, (SNMMCH )धनबाद के प्राचार्य , सदर अस्पताल पाकुड़ के तत्कालीन एवं वर्तमान सिविल सर्जन मंटू कुमार टेवड़ीवाल , अस्पताल उपाधीक्षक एसके झा , सभी चिकित्सा पदाधिकारी , सभी कर्मचारी को देना चाहता हूं जिन्होंने हमें हर हमेशा प्रोत्साहन देने का काम किया है।
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