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तेनुघाट व्यवहार न्यायलय के प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी दिग्विजय नाथ शुक्ला की अदालत ने चेक बाउंस के दोषी को एक साल की सजा और दो लाख पचास हजार रुपए जुर्माना की सजा सुनाई है।

मो० शबा की रिपोर्ट 

तेनुघाट ---- तेनुघाट व्यवहार न्यायलय के प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी दिग्विजय नाथ शुक्ला की अदालत ने चेक बाउंस के दोषी को एक साल की सजा और दो लाख पचास हजार रुपए जुर्माना की सजा सुनाई है। ज्ञात हो कि बोकारो थर्मल थाना अंतर्गत न्यू शास्त्री नगर, रीवर साइड जारंगडीह निवासी तुला राम के विरुद्ध उक्त कांड के परिवादी बोकारो थर्मल थाना क्षेत्र के जारंगडीह रिवर साइड निवासी निर्मल मंडल ने तेनुघाट व्यवहार न्यायालय में वर्ष 2022 में एक परिवाद पत्र दाखिल किया था। न्यायालय में दायर परिवाद में बताया गया कि उसकी और अभियुक्त तुला राम की पहले से दोस्ती थी। तुला राम ने जरूरी काम के लिए दोस्ताना कर्ज के लिए एक लाख नब्बे हजार रुपए मांगे थे। जरूरत को देखते हुए परिवादी ने अभियुक्त को एक लाख नब्बे हजार रुपए दोस्ताना कर्ज के रूप में दिए थे। मगर जब काफी समय तक रुपया वापस नहीं किया गया, तब परिवादी ने अभियुक्त से दोस्ताना कर्ज वापस करने की मांग की, तब अभियुक्त टाल मटोल करने लगे। नहीं देने पर परिवादी ने जब फिर अभियुक्त से दोस्ताना कर्ज वापस करने की मांग की। तब अभियुक्त ने परिवादी को एक लाख नब्बे रुपए का चेक दिया। उक्त चेक को परिवादी ने जब बैंक में डाला वह चेक बाउंस हो गया। जिसकी जानकारी अभियुक्त को दिया गया, मगर उसने पैसा नहीं लौटाया। परिवादी निर्मल मंडल ने अभियुक्त तुला राम के विरुद्ध न्यायालय में चेक बाउंस का मुकदमा दाखिल किया। न्यायालय में उपलब्ध गवाह एवं दोनों पक्ष के अधिवक्ताओं के बहस सुनने के बाद अभियुक्त को दोषी मानते हुए एक साल की सजा और दो लाख पचास हजार रुपए जुर्माना की सजा सुनाई। सजा सुनाए जाने के बाद अभियुक्त के अधिवक्ता द्वारा न्यायालय में सजा के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील करने का आवेदन दिया गया। इसके बाद दोषी अभियुक्त को जमानत पर छोड़ा गया। परिवादी निर्मल मंडल की ओर से अधिवक्ता बैद्यनाथ शर्मा और संजय कुमार कश्यप ने मामले में बहस की।

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