मो० शबा की रिपोर्ट
तेनुघाट ---- तेनुघाट पंचायत के एफ टाइप चौक, पुलिस लाइन, सहित घरवाटांड़, अलगड्डा, चांपी व अन्य जगहों पर बहुत ही धूम धाम से प्राकृतिक का करमा पर्व मनाया गया। झारखंड में करमा पर्व का विशेष महत्व है। इस पर्व युवती अपने भाई की दीर्घायु, कुशल, सुख, शांति और समृद्धि की कामना करती है। करम वृक्ष की डाली की पूजा करती है। मान्यता है करम वृक्ष की डाली की विधि विधान से पूजा अर्चना करने से भाई बन्धु और क्षेत्र में खुशहाली आती है सालों भर प्रकृति आपदा से बचे रहते है। इस को मानने के सात और नौ दिन पूर्व से जावा जगाते हैं। जावा में सात प्रकार का अनाज के विज बोया जाता है,और सुबह शाम उसे साफ जगहों पर रख कर गीत गाते और सभी युवती, महिला झूमते है। जैसे जैसे बीज बड़ा होता करम पूजा के बाद कान बीज लगा लंबी आयु की दुआ मांगते है। और करम डाली को नदी या तलाव में विसर्जित किया जाता। इस पर्व के बारे में स्थानीय निवासी बालेश्वर ठाकुर ने बताया कि बहुत पुरानी मान्यता है कि करमा और धरमा दोनों भाई थे उनकी कथा सुन कर पूजा का समापन होता है। तथा पूजा के बारे अन्य बहुत सी जानकारी दिया और लोगो को बताया। इस मौके दर्जनों गणमान्य लोग और सैकड़ों महिला, युवतियों ने पूजा अर्चना की।
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