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शिक्षक मो० शादाब के द्वारा पंचायत समिति पति मनोज कुशवाहा के विरुद्ध लगाए गए सभी आरोप झूठ।

शिक्षक मो० शादाब के द्वारा पंचायत समिति पति मनोज कुशवाहा के विरुद्ध लगाए गए सभी आरोप झूठ।

*ग्रामीणों ने कहा - सोने के चेन के साथ छीने गए नगद 7300 रुपए की बात गलत।*

*बच्चों ने कहा हमलोगों ने कभी भी किसी तरह के गले में चेन पहनते शादाब सर को नहीं देखा।*

बोधगया, गया : गया जिला के बोधगया प्रखण्ड के ग्राम पंचायत कुरमावां के पंचायत समिति माया देवी के पति मनोज कुमार उर्फ मनोज कुशवाहा पर राजकीय मध्य विद्यालय कुरमावां के शिक्षक मो० शदाब आलम ने मारपीट कर सोने के चेन तथा 7300 रुपए नगद छीनने का मनगढंत झूठा और बेबुनियाद आरोप लगाया था । जब पत्रकारों का एक दल सच्चाई पता लगाने राजकीये मध्य विद्यालय कुरमावां में अध्ययनरत  बच्चों के बीच पहुंचा तो बच्चों ने लूटपाट की बात से साफ इनकार कर दिया है। उनलोगों ने कहा कि एक तो शादाब सर रोज रोज आते नहीं उपर से लूटपाट का झूठा आरोप लगा रहे हैं। और तो और गाँव के ही एक महिला के द्वारा ऑन लाइन हाजिरी बनवा लेते हैं जिसके बदले वो उनको दो हजार रुपये महिना देते हैं। जब कभी आते भी हैं तो विद्यालय के प्रार्थना और राष्ट्र गान में शामिल नहीं होते और पढ़ाने के जगह सिर्फ मारकाट तथा इस्लाम की बात करते हैं। मो० शादाब ने मनोज कुमार उर्फ मनोज कुशवाहा के बारे में आरोप लगाते हुए गुंडई करने की बात कही थी जिसे बच्चों तथा ग्रामीणों ने खंडन करते हुए कहा कि वो तो विद्यालय आते ही नहीं हैं फिर गुंडई की बात कहाँ से आ गई है। 
आगे शादाब ने आरोप लगाते हुए कहा था कि दिनांक 3.5.2025 को  करीब 9 : 45 बजे सुबह में विद्यालय प्रधान से छुट्टी लेकर जैसे ही अपने किसी काम से घर जाने के लिए बाहर निकले तो मनोज कुमार ने कॉल कर उनके अटेंडेंस काटने की बात कही और विद्यालय बुलाया, जबकि वो 9:26 में ही विद्यालय से जा चुके थे। बुलाए जाने पर जब शादाब विद्यालय आए तो आने के साथ वो यह कहते हुए पहला हमला समिति पति मनोज कुमार पर कर दिए कि विद्यालय में अपनी पत्नी के साथ तुम क्यों चले आए। विद्यालय में उपस्थित अन्य शिक्षक बीच बचाव करने पहुंचे तो शादाब को लगा कि अब मेरे साथ मारपीट होगा इसलिए वो अपनी बाइक लेकर अति गति से भागे जिसके कारण वो दुर्घटना का शिकार हो गए हैं। ग्रामीणों की मदद से उन्हें बचा लिया गया और बाद में इसकी सूचना उनके परिवार वालों को तथा पुलिस को दी गई है। 
अब सवाल यह उठता है कि जब शादाब ओवर स्पीड के कारण खुद दुर्घटना के शिकार हो गए तो मनोज कुमार एवम उनके बेटे के साथ अन्य पर झूठा आरोप क्यों लगाया है। क्या मो० शादाब के पास किसी तरह का वीडियो या फोटो साक्ष्य के तौर पर है ? क्या किसी ग्रामीणों ने मारपीट का वीडियो बनाया यदि बनाया तो वो अब तक वायरल क्यों नहीं हुआ ?

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