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अबुआ आवास योजना को लेकर उपायुक्त, श्री नमन प्रियेश लकड़ा की अध्यक्षता में प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन

अबुआ आवास योजना को लेकर उपायुक्त, श्री नमन प्रियेश लकड़ा की अध्यक्षता में प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन

सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं का लाभ ग्रामीणों तक पारदर्शिता के साथ पहुंचेगा : उपायुक्त 

गिरिडीह ---- आज समाहरणालय सभागार कक्ष में उपायुक्त-सह-जिला दंडाधिकारी नमन प्रियेश लकड़ा की अध्यक्षता में अबुआ आवास योजना को लेकर जिले के सभी प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के प्रतिनिधियों के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया । इस दौरान उपायुक्त नमन प्रियेश लकड़ा ने प्रेस बंधुओं को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य सरकार की अतिमहत्वाकांक्षी योजना अबुआ आवास योजना राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों के गरीब गृहविहीन लोगों को पक्का घर उपलब्ध कराने हेतु कृत संकल्पित है । जिले में ऐसे लोग जो गृहविहीन है या कच्चे घरों में रह रहे हैं । ऐसे गरीब लोगों को पक्का घर उपलब्ध कराने हेतु राज्य संपोशित योजना के रूप में अबुआ आवास योजना प्रारम्भ किया गया है । अबुआ आवास योजना के अन्तर्गत तीन कमरों का पक्का मकान एवं रसोई घर बनाया जाएगा, जिसका क्षेत्रफल 31 वर्गमीटर होगा । राज्य सरकार द्वारा अबुआ आवास योजना अन्तर्गत तीन कमरों सहित स्वच्छ रसोई घर का प्रावधान किया गया है । अतएव योग्य लाभुक के लिए अबुआ आवास योजना अन्तर्गत आवास निर्माण के लिए सहयोग राशि बढ़ाकर दो लाख (2,00,000) रू का प्रावधान किया गया है । साथ ही लाभार्थी को मनरेगा अन्तर्गत अपने आवास के निर्माण के लिए वर्तमान मजदूरी दर (समय-समय पर संशोधित) पर अधिकतम 95 अकुशल मानव दिवस के समतुल्य राशि अबुआ आवास योजना अन्तर्गत आवास निर्माण हेतु प्राप्त होगा । इसके अलावा अबुआ आवास योजना के तहत तीन कमरे के आवास का निर्माण न्यूनतम 31 वर्ग मीटर में किया जाएगा, जिसमें स्वच्छ रसोईघर भी शामिल है । अबुआ आवास योजना घरों को अनिवार्य रूप से परिवार की महिलाओं के नाम पर पंजीकृत किया जाएगा । महिला की मृत्यु या अनुपस्थिति की स्थिति में, परिवार के मुखिया के नाम पर आवास पंजीकृत किया जा सकता है । प्रति यूनिट आवास की सहायता राशि 2 लाख होगी । यह योजना 100 प्रतिशत राज्य सरकार सम्पोषित योजना होगी। स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण (SBM) या किसी अन्य समर्पित स्रोत के साथ अभिसरण के माध्यम से शौचालय निर्माण के लिए सहायता दिये जाने का प्रावधान है । साथ ही सभी अबुआ आवास योजना लाभार्थियों को महिला स्वयं सहायता समूह के अंतर्गत अनिवार्य रूप से आच्छादित किया जाएगा । घर के निर्माण के लिए यूनिट सहायता राशि के अलावा मनरेगा के तहत अधिकतम 95 मानव दिवस अकुशल मजदूरी भुगतान करने का प्रावधान है । मापदंडों के आधार पर लाभार्थियों की पहचान, चयन तथा संबंधित ग्राम सभा के द्वारा चयनित लाभार्थियों का सत्यापन किया जाएगा । लाभार्थियों को सहायता राशि का भुगतान केवल आधार से जुड़े हुए उनके बैंक खातों में हस्तांतरित किया जाएगा । लाभार्थियों की पहचान और लाभार्थी चयन में निष्पक्षता एवं पारदर्शिता अबुआ आवास योजना के लक्ष्य को साकार करने की आधारशिला है । इस हेतु यह सुनिश्चित किया जाएगा कि आवास का लाभ वास्तविक वंचित परिवारों को मिले, अतः लाभुक चयन प्रक्रिया को उद्देश्यपूर्ण और सत्यापन योग्य बनाया जाएगा । अतएव इच्छुक लाभार्थी सीधे प्रखण्ड विकास पदाधिकारी को आवेदन ऑनलाईन या ऑफलाईन कर सकेंगे। प्राप्त आवेदनों के आधार पर जाँच टीम द्वारा प्रखण्डों में सत्यापन/सर्वेक्षण/जाँच का कार्य किया जाएगा एवं तदोपरांत प्राथमिकता सूची तैयार की जाएगी । इस योजना का लाभ राज्य के उन ग्रामीणों को दिया जाएगा, जो गरीब व अभावग्रस्त हैं। साथ ही योजनान्तर्गत वैसे लाभुकों का चयन किया जा सकेगा, जो निम्न श्रेणी में आते हैं।

1. कच्चे घरों में रहने वाले परिवार (निर्धारित अंक-2)।

2. आवासविहीन एवं निराश्रित परिवार (निर्धारित अंक-2)।

3. विशेष रूप से कमजोर जनजाति समूह के परिवार (निर्धारित अंक-1)।

4. प्राकृतिक आपदा के शिकार परिवार (निर्धारित अंक-1)।

5. कानूनी तौर पर रिहा किये गये बंधुआ मजदूर (निर्धारित अंक-1)।

6. वैसे परिवार, जिन्हें पूर्व में राज्य सरकार अथवा केन्द्र सरकार द्वारा संचालित आवास योजना, यथा-प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण/बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर आवास योजना/बिरसा आवास योजना/इंदिरा आवास योजना इत्यादि आवास का लाभ नहीं दिया गया हो (निर्धारित अंक-1) ।

    उपर्युक्त पात्रता मापदंड के अनुसार लाभार्थी की स्थायी प्रतीक्षा सूची ग्राम सभा में तैयार की जाएगी। अधिकतम मापदंडों को पूरा करने वाले परिवारों को उनकी विशेष श्रेणी (अनुसूचित जनजाति/अनुसूचित जाति/पिछड़ा वर्ग/अल्पसंख्यक/सामान्य) में अधिकतम अंक प्राप्त होगा। इसका मतलब है कि यदि कोई विशेष परिवार छः मानदंडों को पूरा करता है तो उसे 8 अंक मिलेंगे और उसे अपनी श्रेणी में सर्वाेच्च प्राथमिकता मिलेगी । इस प्रकार पात्र परिवारों को 1-8 के बीच प्राथमिकता अंक दिए जाएंगे और आगे सभी को तदनुसार रैंक दिया जाएगा और ग्राम सभा में स्थायी प्रतीक्षा सूची को अंतिम रूप दिया जाएगा ।

(ख) स्थायी प्रतीक्षा सूची तैयार करते समय यदि दो या दो से अधिक परिवारों को समान अंक मिलते हैं, यानी बराबरी की स्थिति में प्राथमिकता निम्नलिखित मापदंडों के अनुसार तय की जाएगी-

1. परिवार, जिसमें कोई वयस्क सदस्य नहीं हो।

2. दिव्यांग सदस्य वाले परिवार।

3. महिला प्रधान परिवार, जिसमें कोई वयस्क पुरुष सदस्य न हो ।

   प्रेस कॉन्फ्रेंस में उपरोक्त के आलावा निदेशक डीआरडीए, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी, प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के प्रतिनिधि व अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित थे ।

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