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माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी मानसिक संतुलन खो चुके हैं इसलिए उनको अब बिहार का मुख्यमंत्री रहने का कोई औचित्य नहीं है उनसे अब कोई उम्मीद नहीं रह जाती है बिहार की आम जनता को ।

माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी मानसिक संतुलन खो चुके हैं इसलिए उनको अब बिहार का मुख्यमंत्री रहने का कोई औचित्य नहीं है उनसे अब कोई उम्मीद नहीं रह जाती है बिहार की आम जनता को ।
पूर्व मुख्यमंत्री आदरणीय श्री जीतन राम मांझी जी उनसे 6 साल उम्र में बड़े हैं और 5 साल राजनीति में उनसे बड़े हैं श्री जितन राम मांझी जी 1980 में विधायक बने गया जिला के फतेहपुर विधानसभा से और नीतीश कुमार जी 1985 में विधायक बने नीतीश कुमार जी का उम्र 74 साल है और आदरणीय श्री जितेंद्र राम मांझी जी का उम्र 80 साल है तो यह हर मायने  में नितीश कुमार से बड़े हैं।

नितीश कुमार जी विधान सभा में आदरणीय श्री जीतन राम मांझी जी को एक मुसहर भुंइया जाति होने के वजह से अपशब्द कहने लगते हैं। एक अनुसूचित जाति के नेता होने के वजह से आपने बेईज्जत करने का काम किया है  नितिश कुमार जी जरा ऐसे ही भाषा माननीय ललन सिंह जी को बोलने कि हिम्मत है आप मे , 

  अब तो नितिश कुमार लोकतांत्रिक प्रक्रिया से सदन में नहीं बैठते पिछले दरवाजे से आते हैं यानी की जनता उनको चुनकर नहीं भेजती हैं जनता के बिच में जाने से उनको डर लगता है जनता उनको वोट नहीं देती है इसलिए उनको तो शर्म आनी चाहिए मैं जनता से वोट पाए बिना मुख्यमंत्री बनता हूं ।

इसका मतलब यह साफ है कि वह जनता का मुख्यमंत्री नहीं सिर्फ अपने लिए मुख्यमंत्री बनते हैं ऐसे ऐसे नेता को उस मुख्यमंत्री के कुर्सी पर तो होना ही नहीं चाहिए जो कुर्सी आम जनता के लिए बनी है।

माननीय नितीश कुमार जी आपको आदरणीय श्री जीतन राम मांझी जी से उसी सदन मे माफी मांगना होगा।

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