गोपाल शर्मा
झारखंड/ साहेबगंज
वन प्रमंडल कार्यालय सभाकक्ष में आज बांस वृक्षारोपण मूल्य संवर्धन विपणन पर एक दिवसीय बहु हितधारक संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
इस क्रम में वन प्रमंडल पदाधिकारी मनीष तिवारी,वन उत्पादकता संस्थान के निदेशक नितिन कुलकर्णी, वन उत्पादकता संस्थान से अंजना तिर्की, डीडीएम नाबार्ड नियाज़ इशरत ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। तत्पश्चात उपस्थित सभी अतिथियों का पौधा देकर स्वागत किया गया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वन प्रमंडल पदाधिकारी मनीष तिवारी ने बताया कि इस संगोष्ठी के आयोजन का मुख्य उद्देश्य है की जिला बांस की खेती में आगे बढ़े एवं बांस की खेती एवं उत्पादों से संबंधित संभावनाओं को तलाश करने में वन प्रमंडल किसानों की मदद करें।
उन्होंने कहा कि साहिबगंज जिले के चार प्रखंड ऐसे हैं जो गंगा के किनारे अवस्थित है ऐसे जगहों पर बांस का ग्रोथ बेहतर हो सकता है। उन्होंने कहा कि वन उत्पादकता संस्थान द्वारा भी बांस की खेती करने वाले किसानों को मदद उपलब्ध कराया जाएगा। इसके अलावा यहां पारंपरिक तरीके से बांस उगाया जाता रहा है इसलिए बांस की खेती से संबंधित प्रशिक्षण भी किसानों को कम देना पड़ेगा।
उन्होंने बताया कि इस संगोष्ठी के माध्यम से हम किसानों बांस की खेती से संबंधित विभिन्न एनजीओ तथा वैज्ञानिकों की मदद से यह विचार करेंगे कि बांस की खेती के बाद किसानों के लिए बाजार उपलब्ध कराया जाए एवं बांस की अलग-अलग प्रजातियां भी विकसित की जाएं।
कार्यक्रम के दौरान वन उत्पादकता निदेशक डॉ नितिन कुलकर्णी ने सभी का अभिवादन करते हुए कहा कि वन उत्पादकता संस्थान द्वारा किसानों को हर संभव मदद पहुंचाई जाएगी ताकि वह बांस उगाएं उन्होंने कहा कि जबसे बात को वृक्ष की श्रेणी से हटाकर घास की श्रेणी में लाया गया है तब से इसकी महत्व और अधिक बढ़ गई है अब कोई भी बेरोकटोक बांस की खेती एवं इसकी बिक्री आसानी से कर सकता है और इसकी मांग हमेशा बनी रहेगी उन्होंने कहा कि साहिबगंज जिले में बांस की खेती के लिए असीम संभावनाएं दिखाई दे रही है साथ ही उन्होंने किसानों से आग्रह किया कि इसकी खेती के लिए विचार करें। साथ ही उन्होंने कहा कि हमारा संस्थान हर तरह की तकनीकी सहायता एवं प्रशिक्षण भी उपलब्ध कराएगा जिससे बांस उगाना और इसके उत्पाद बनाना आसान हो सकेगा।
कार्यक्रम के दौरान वन उत्पादकता संस्थान से अंजना तिर्की ने बताया कि बांस ऐसा घास है जो काफी तेजी से बढ़ता है एवं यह कई मायनों में उपयोगी है।
उन्होंने कहा कि इससे विभिन्न प्रकार की उत्पाद तो बनते ही हैं यह हमारे पर्यावरण के लिए भी बेहद लाभकारी है। बांस बड़े पैमाने पर कार्बन सोखता है इसलिए भी बांस हर मामले में फायदेमंद सिद्ध हो सकता है। अगर बांस उगाने एवं इसे बिक्री करने किस क्षेत्र में अवसर ढूंढे तो निश्चय ही यह आने वाले समय में किसानों को बड़ा आर्थिक लाभ देगा।
कार्यक्रम के दौरान उपरोक्त के अलावा जिला उद्यान केंद्र से चंद्रशेखर शर्मा, कृषि विभाग से सहायक कृषि पदाधिकारी, जेएसएलपीएस के डीपीएम संतोष कुमार,विभिन्न जगहों से आये प्रतिनिधि एनजीओ के प्रतिनिधि किसान बंधु वन प्रमंडल के कर्मी गण एवं अन्य उपस्थित थे।
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