हीट वेब से बचाव व तैयारी को लेकर जारी निर्देशों का अक्षरशः करें अनुपालनः एसी
=====================
गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने सभी विभागों को दिया है जरूरी दिशा – निर्देश
=====================
हीट वेब से बचाव एवं तैयारी को लेकर अब तक की गई कार्रवाई का अपर समाहर्ता (एसी) मो. मुमताज अंसारी ने समाहरणालय सभागार में की समीक्षा, दिया अहम निर्देश
=====================
सार्वजनिक स्थलों पर प्याऊ की व्यवस्था करने, खराब पड़ें चापाकलों का शिकायत प्राप्त होते ही युद्ध स्तर पर मरम्मति को कहा
पिछले दिनों गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा गर्मी के मौसम को देखते हुए हीट वेब से बचाव एवं तैयारी को लेकर विभिन्न विभागों को व्यवस्था सुनिश्चित करने को निर्देश दिया था। इसी को लेकर उपायुक्त श्रीमती विजया जाधव के निर्देश पर अपर समाहर्ता (एसी) मो. मुमताज अंसारी एवं जिला आपदा प्रबंधन पदाधिकारी श्री शक्ति कुमार ने हीट वेब से बचाव एवं तैयारी को लेकर अब तक किए गए कार्यों की प्रगति की समीक्षा की। मौके पर जिला जनसंपर्क पदाधिकारी श्री रवि कुमार, जिला अग्निशमन पदाधिकारी श्री भगवान ओझा, सभी प्रखंडों के प्रखंड विकास पदाधिकारी/अंचलाधिकारी, सहायक जनसंपर्क पदाधिकारी अविनाश कुमार सिंह समेत संबंधित विभागों के पदाधिकारी, विभिन्न औद्योगिक इकाईयों के प्रतिनिधि आदि उपस्थित थे।
इस क्रम में अपर समाहर्ता ने क्रमवार नगर विकास एवं आवास विभाग, स्वास्थ्य चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग, स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग/उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग, महिला बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग/कल्याण विभाग, कृषि – पशुपालन एवं सहकारिता विभाग, ग्रामीण विकास विभाग, पंचायती राज विभाग, श्रम नियोजन प्रशिक्षण एवं कौशल विकास विभाग, परिवहन विभाग, ऊर्जा विभाग, अग्निशमन विभाग, सूचना एवं जनसंपर्क विभाग, विभिन्न औद्योगिक इकाइयों आदि के द्वारा अब तक की गई कार्रवाई और आगे की तैयारी की जानकारी ली।
अपर समाहर्ता ने सभी विभागों को अपने कार्यालय/कार्य स्थल/क्षेत्रा अंतर्गत पेयजल की समोचित व्यवस्था करने, नगर निकायों को शहर के विभिन्न हिस्सों/महत्वपूर्ण चौक - चौराहों आदि में पेयजल की व्यवस्था, अस्थायी तौर पर प्याऊ की व्यवस्था, खराब चापाकलों/जल मीनार की युद्ध स्तर पर विभिन्न विभागों/मद से मरम्मति का निर्देश दिया।
अपर समाहर्ता ने बैठक में उपस्थित निजी कंपनियों के प्रतिनिधियों को उनके – उनके कमांड क्षेत्र में प्याऊ/पेयजल आदि की व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा, ताकि आमजन/राहगिरों को पेयजल की किसी भी तरह की कोई समस्या नहीं हो। उन्होंने सीएसआर दायित्व के तहत इस दिशा में कार्य करने को कहा।
इसके अलावा कई अन्य बिंदुओं पर चर्चा कर अपर समाहर्ता एवं जिला आपदा प्रबंधन पदाधिकारी ने जरूरी सुझाव दिया।
=============================
अपर समाहर्ता मो. मुमताज अंसारी ने लू खतरनाक साबित हो सकती हैं। इसके प्रभाव को कम करने तथा रोकथाम के लिए निम्नलिखित सावधानियों बरतेः-
सुरक्षा के उपायः-
- जहाँ तक संभव हो कड़ी धूप में बाहर न निकलें।
- जितनी बार हो सकें पानी पीयें। सफर में अपने साथ पीने का पानी हमेशा रखें।
- जब भी बाहर धूप में जायें हल्के रंग के और ढ़ीले-ढ़ीले सूती कपड़े पहनें, धूप के घश्में का इस्तेमाल करें, गमछे या टोपी से अपने सिर को ढकें और हमेशा जूते या चप्पल पहनें।
- अधिक तापमान में कठिन काम ना करें। जहाँ तक संभव हो कड़ी धूप में बाहर के काम से बचें।
- खाली पेट न रहे तथा धूप में नंगे पाव न चले।
- अगर आपका काम बाहर का है तो टोपी, गमछा, छाता एवं धूप वाले चश्मा का इस्तेमाल जरूर करें और गीले कपडे को अपने चेहरे, सिर व गर्दन पर रखें।
- हल्का भोजन करें, अधिक पानी की मात्रा वाले फल जैसे तरबूज, खीरा, नींबू, संतरा आदि का सेवन करें तथा ज्यादा प्रोटिन वाले भोजन का सेवन ना करें, जैसे मांस वा मेवे, जो शारिरिक ताप को बढ़ाते हैं।
- घर में बना पेय जल जैसे कि लस्सी, नमक चीनी का घोल, छाछ, नींबू पानी, आम का पन्ना इत्यादि का नियमित सेवल करें।
- बच्चों और पालतू जानवारों को पार्क किए हुए वाहनों में अकेला ना छोड़ें।
- जानवरों को छांव में रखें और उन्हें खूब पानी पीने को दें।
- अपने घर को ठंडा रखें, पर्दे, शटर आदि का इस्तेमाल करें। रात में खिड़कियाँ खुली रखें।
- अगर आपकी तबीयत ठीक न लगे या चक्कर आए तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
लू के प्रमुख लक्षणः-
- पसीना न आना
- त्वचा का गर्म-लाल एवं शुष्क होना
- सिरदर्द, थकान, चक्कर एवं उल्टी आना
- बेहोश हो जाना
- आंखों की पुतलियां छोटी हो जाना
लू लगने पर क्या करें -
- लू लगे व्यक्ति को छांव में लिटा दें। अगर तंग कपड़े हो तो उन्हें ढीला कर दें अथवा हटा दें।
- ठंडे गीले कपड़े से शरीर पोछे या ठंडे पानी से नहलायें।
- व्यक्ति को ओ०आर०एस०/नींबू पानी/नमक-चीनी का घोल पीने को दें, जो कि शरीर में जल की मात्रा को बढ़ा सकें।
- यदि व्यक्ति पानी की उल्टियाँ करे या बेहोश हो, तो उसे कुछ भी खाने वा पीने को न दें।
- लू लगे व्यक्ति की हालत में एक घंटे तक सुचार ना हो तो उसे तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र में ले जाएँ।
0 Comments