निकोटीन की लत से नींद न आना, चिड़चिड़ापन एवं अवसाद जैसी समस्या हो सकती है- जिला परामर्शी.....
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मानसिक स्वास्थ्य के लिए जरूरी है पूरी नींद लेना- डॉ प्रशांत कुमार मिश्रा....
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तम्बाकू का मतलब बीमारियों का भण्डार, चाहे आप इसे धुएं के शक्ल में लें या चबाकर खाये
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बोकारो :- आज दिनांक 03 जनवरी, 2025 को बिरसा नर्सिंग कॉलेज चास में तम्बाकू के दुष्परिणाम विषय पर सेमिनार का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता स्कूल के निदेशक श्री शैलेश कुमार के द्वारा की गई। सेमिनार में जिला परामर्शी मो0 असलम द्वारा सभी बच्चों को तम्बाकू के दुष्परिणाम, तम्बाकू में पाये जाने वाले जहरीले तत्व के बारे में बताया गया। उन्होंने बच्चों को अपने चर्चा के दौरान बताया कि तम्बाकू में पाया जाने वाला नशीला पदार्थ निकोटीन से बच्चों में चिन्ता, नींद न आना, चिड़चिड़ापन एवं अवसाद जैसे गंभीर समस्यायें हो सकती हैं।जिला परामर्शी ने बच्चों को बताया कि यदि आप तम्बाकू का सेवन करते है या आपके आसपास कोई सेवन करता है और वह तम्बाकू के लत को छोड़ना चाहता है और कई बार प्रयास करने पर भी नही छोड़ पाता है, तो उसे तम्बाकू नशा मुक्ति केन्द्र सदर अस्पताल के 13 नं0 ओ0पी0डी0 में भेजें ताकि उन्हें तम्बाकू छुड़ाने में मदद की जा सके।
तम्बाकू का मतलब बीमारियों का भण्डार, चाहे आप इसे धुएं के शक्ल में लें या चबाकर खाये-
स्कूल के प्राचार्य ने सभी बच्चों को बताया तम्बाकू को एक लाईन में परिभाषित करें तो तम्बाकू का मतलब बीमारियों का भण्डार, चाहे आप इसे धुएं के शक्ल में लें या चबाकर खाये। यह मानव शरीर में जाकर विभिन्न प्रकार के बीमारियों को उत्पन्न करता है और फिर उस बीमारी से लोगों की मौत हो जाती है। इस लिये तम्बाकू मानव शरीर को धीरे धीरे खोखला करता है। हम सभी से अनुरोध करना चाहते है कि इस लत से बचें और एक जिम्मेदार नागरिक के नाते अपने आसपास के लोगों को भी इसके दुष्प्रभाव से अवगत कराये।
कार्यक्रम में स्कूल के निदेशक श्री शैलेश कुमार, जिला परामर्शी मो0 असलम तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम, आरती कुमारी मिश्रा जिला कार्यक्रम सहायक सोशल वर्कर छोटेलाल दास, विद्यालय के शिक्षक, स्टाफ व बच्चे उपस्थित थे।
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