■ टैली मानस नंबर 14416 का सार्वजनिक रूप से हुआ विमोचन...
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■ विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम बोकारो के तहत सिविल सर्जन की अध्यक्षता में बोकारो सदर अस्पताल के सभागार में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया
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बोकारो :- आज दिनांक 10 सितंबर 2024 को विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम बोकारो के तहत सिविल सर्जन डॉ अभय भूषण प्रसाद की अध्यक्षता में बोकारो सदर अस्पताल के सभागार में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें स्वास्थ्य विभाग के विभिन्न कोषांग के प्रभारी व कर्मियों ने भाग लिया। कार्यक्रम के दौरान सिविल सर्जन डॉ अभय भूषण प्रसाद, उपाधीक्षक सदर अस्पताल डॉ अरविंद कुमार, मनोचिकित्सक डॉक्टर प्रशांत कुमार मिश्रा, डॉक्टर मैथिली ठाकुर, डॉक्टर राजश्री रानी सिंह, चिकित्सा पदाधिकारी सदर अस्पताल बोकारो के द्वारा टैली मानस नंबर 14416 का सार्वजनिक रूप से विमोचन किया गया।सिविल सर्जन बोकारो डॉ अभय भूषण प्रसाद ने सभी प्रतिभागियों को बताया कि यदि कोई भी व्यक्ति आपके समक्ष आता है और वह कहता है कि मैं अपने जीवन से मैं हार मान चुका हूं तो उन्हें आप कैसे मदद करें। इसके बारे में विस्तृत जानकारी दिया। साथ ही भारत सरकार की तरफ से जारी टैली मानस नंबर 14416 पर कॉल कर भी सहायता प्राप्त की जा सकती है।
वही कार्यक्रम के दौरान डॉक्टर प्रशांत कुमार मिश्रा मनोचिकित्सक सदर अस्पताल बोकारो के द्वारा सभी प्रतिभागियों को विश्व आत्महत्या रोकथाम पर विशेष चर्चा की गई, जिसमें सभी को बताया गया कि आत्महत्या करने से बचने और किसी भी तरह से इसको रोकने के लिए लोगो मे जागरूकता फैलाने के उद्देश्य के साथ विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस मनाया जाता है। पहले कुछ चेतावनी एवं लक्षण के बारे में बताया गया। साथ ही आत्महत्या का सवाल कैसे पूछे या कैसे नहीं पूछे इसके बारे में जानकारी दी गई। यदि किसी भी व्यक्ति के अंदर आत्महत्या की भावना आती है तो आगे हम उसकी मदद कैसे करें। इसके बारे में जानकारी दी गई।
ज्ञातव्य हो कि दुनिया भर में बढ़ती आत्महत्याओं को रोकने के बारे में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से विश्व स्वास्थ्य संगठन के सहयोग से प्रतिवर्ष 10 सितंबर को दुनिया भर में विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस मनाया जाता है। इसके अनुसार हर वर्ष लगभग 8 लाख लोग आत्महत्या की वजह से अपनी जिंदगी खत्म कर देते हैं। इसमें से आत्महत्या के ज्यादातर मामले 15 से 29 वर्ष के आयु वर्ग के लोगों के सामने आते हैं, जिसमें अधिकतर सुसाइड केस अविकसित और विकासशील देशों में देखने को मिलते हैं।
इस कार्यक्रम में उपाधीक्षक सदर अस्पताल डॉ अरविंद कुमार, चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर मैथिली ठाकुर डॉ राज श्री रानी सिंह व विभिन्न कोषांग के चिकित्सा पदाधिकारी व अन्य उपस्थित थे।
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