सड़क दुर्घटना से संबंधित अनुसंधान का पुलिस करें त्वरित निष्पादन : पीडीजे
पीड़ित परिवार को ससमय मुआवजा राशि भुगतान करना होनी चाहिए प्राथमिकता
न्याय सदन सभागार में जिला स्तरीय मोटर एक्सीडेंट क्लेम ट्रिब्यूनल पर कार्यशाला का आयोजन
नए सदन सभागार में शनिवार को जिला स्तरीय मोटर एक्सीडेंट क्लेम ट्रिब्यूनल कार्यशाला का आयोजन किया गया। प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार सुश्री कुमारी रंजना अस्थाना,उपायुक्त सह उपाध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार श्री कुलदीप चौधरी, पुलिस अधीक्षक सह सदस्य जिला विधिक सेवा प्राधिकार श्री चंदन झा, जिला एवं अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश श्री पवन कुमार,प्रेसिडिंग ऑफीसर लेबर कोर्ट श्री अनुज कुमार,डीएलएसए सचिव सुश्री निभा रंजना लकड़ा,अध्यक्ष डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन श्री अनिमेष कुमार चौधरी आदि ने दीप प्रज्वलित कर किया।
मौके पर अपने संबोधन में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुश्री कुमारी रंजना अस्थाना ने कहा कि सड़क दुर्घटना में घायलों को चिकित्सीय सुविधा पहुंचाने एवं मृतकों के परिजनों को मुआवजा राशि भुगतान करने पूरी प्रक्रिया में पुलिस की अहम भूमिका है। ऐसे मामलों में पुलिस को अनुसंधान में त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए। ताकि दुर्घटना में मौत के बाद मृतक के परिजनों को ससमय मुआवजा राशि का भुगतान किया जा सके, यह हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए।
उन्होंने बीमा कंपनी से संबंधित नोडल पदाधिकारी/अधिवक्ताओं को भी मामलों के निष्पादन में गंभीरता बरतनें एवं सुनवाई के क्रम में सभी जरूरी दस्तावेजों को कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत करने को कहा। बताया कि पांच लाख तक की बीमा राशि संबंधित मामलों का निष्पादन एक माह में ही कर देना है। लेकिन बीमा कंपनियां इसमें रुचि नहीं लेती हैं। उन्होंने संबंधित अधिवक्ताओं को अपनी कंपनियों को इससे अवगत कराते हुए इसे सुनिश्चित कराने को कहा।
मौके पर उपायुक्त श्री कुलदीप चौधरी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार डीएलएसए/सड़क सुरक्षा समिति द्वारा सड़र दुर्घटना एवं इससे संबंधित जागरूकता अभियान चलाया जाता है। प्रतिमाह सड़क सुरक्षा समिति की बैठक आयोजित कर सड़क दुर्घटना को कम करने के लिए प्रयास किया जाता है। स्वास्थ्य,परिवहन एवं राष्ट्रीय राजमार्ग/राज्य मार्ग/सड़क से संबंधित विभागों के पदाधिकारियों के साथ बैठक कर सड़क दुर्घटना को कम करने एवं सड़क दुर्घटना के बाद के कार्यों को त्वरित गति से निष्पादन करने, घायलों को अस्पताल ले जाने वाले गुड सेमरीटन को सम्मानित/पुरस्कृत किया जाता है। आन लाइन पोर्टल पर इंट्री,मृतक के परिजनों को मुआवजा दिलाने के लिए ससमय पोस्टमार्टम रिपोर्ट एवं अन्य दस्तावेज आदि समर्पित करने के कार्य का भी सतत निगरानी की जाती है।
उपायुक्त ने कार्यशाला में बताई जाने वाली बातों को सभी संबंधितों को गंभीरता से लेने,उन्हें जानने/बिना संकोच किसी भी बात को पूछने और भविष्य में उस पर अमल करने की बात कहीं।
मौके पर पुलिस अधीक्षक श्री चंदन झा ने कहा कि सड़क सुरक्षा से संबंधित नियमित बैठक होती है। दुर्घटना बीमा क्लेम प्रक्रिया से सभी को जागरूक होने की जरूरत है। विशेषकर ट्रैफिक पुलिस से संबंधित अधिकारी/नोडल पदाधिकारी ससमय मुआवजा राशि का भुगतान पीड़ित परिवार को हो सके इसकेव लिए कार्यशाला में बताई गई बातों का अनुकरण करें।
मौके पर कार्यशाला के रिसोर्स पर्सन सह जिला एवं अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश वन श्री पवन कुमार ने सड़क दुर्घटना एवं मोटर एक्सीडेंट क्लेम से संबंधित कानूनी धाराओं/प्रावधानों के संबंध में विस्तार से बताया। वहीं, रिसोर्स पर्सन श्री आनंद वर्धन ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार मोटर वाहन अधिनियम में जोड़ें गए अध्यादेश के संबंध में विस्तार से बताया। कहां कि पुलिस कि काफी जिम्मेवारी बढ़ गई है, सभी कार्यों को सर समय एक निश्चित टाइम फ्रेम में पूरी करनी है। साथ ही, इसकी जानकारी मोटर एक्सीडेंट क्लेम ट्रिब्यूनल एवं स्टेट लीगल अथॉरिटी को देनी है।
मौके पर मध्यस्थता केंद्र के अधिवक्ता द्वारा भी भी अपने वादों के निष्पादन से संबंधित अनुभवों को साझा किया गया।
इस कार्यशाला में जिला परिवहन पदाधिकारी श्री संजीव कुमार, मुख्यालय डीएसपी श्री मुकेश कुमार, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी श्री राहुल भारती, सिटी डीएसपी श्री कुलदीप कुमार, सहायक जनसंपर्क पदाधिकारी अविनाश कुमार, सभी थानों के थाना प्रभारी, न्यायिक पदाधिकारी आदि उपस्थित थे।
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