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विधायक कैश कांड: हाईकोर्ट ने अरगोड़ा थाने में दर्ज जीरो एफआईआर को सेकंड एफआईआर मानते हुए किया रद्द कोर्ट ने कहा-एक ही घटना को लेकर दो अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज नहीं हो सकती

 Ranchi: 46 लाख के साथ कोलकाता में पकड़े गए कांग्रेस से निलंबित तीन विधायकों इरफान अंसारी, राजेश कच्छप और नमन विक्सल कोंगाड़ी की ओर से रांची में किए गए जीरो एफआईआर को कोलकाता ट्रांसफर के खिलाफ दाखिल याचिका पर झारखंड हाईकोर्ट का आदेश आया है. इसमें कोर्ट ने वर्ष 2022 में अरगोड़ा थाना में दर्ज एफआईआर को सेकंड एफआईआर मानते हैं उसे निरस्त कर दिया. कोर्ट ने कहा कि कुमार जयमंगल सिंह ने झारखंड सरकार गिराने की साजिश को लेकर  वर्ष 2021 में कोतवाली थाने में कांड संख्या 159/21 को भादवि की विभिन्न धाराओं में प्राथमिकी दर्ज कराई थी. कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में कोतवाली थाने में दर्ज एफआईआर को प्रथम एफआईआर माना है एवं अरगोड़ा थाने में दर्ज एफआईआर को इसी घटना का दूसरा एफआईआर माना है और अरगोड़ा थाने में दर्ज प्राथमिकी को निरस्त कर दिया है. शुक्रवार को कोर्ट ने मामले में फैसला सुनाते हुए विधायकों की याचिका को स्वीकृत कर लिया था. मामले की सुनवाई हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति एस चंद्रशेखर की कोर्ट में हुई थी. तीनों विधायकों की ओर से अधिवक्ता इंद्रजीत सिन्हा और राहुल कमलेश ने  व सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता सचिन कुमार एवं बंगाल सरकार की ओर से वरीय अधिवक्ता अनिल कुमार सिन्हा ने पैरवी की थी.

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