अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के अवसर पर इप्टा, गिरिडीह ने एक खोरठा भाषा में नाटक का मंचन किया
अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के अवसर पर इप्टा, गिरिडीह ने एक खोरठा भाषा में बहुत ही बेहतरीन नाटक का मंचन गाँधी चौक पर किया।
इस नाटक में यह बताने का प्रयास किया गया कि भारतीय संस्कृति को बचाने के लिए हमें अपनी मातृभाषा को बचाना आवश्यक है। नुक्कड़ नाटक में कलाकारों ने यह बताया कि आज आवश्यकता है कि हम अपनी मातृभाषा का अधिक-से- अधिक दैनिक जीवन में प्रयोग करें l क्योंकि मातृभाषा के माध्यम से लोक संस्कृति की रक्षा होती है। लोक संस्कृति से भारत की पहचान है। इसलिए हमें अपनी मातृभाषा का दैनिक जीवन में उपयोग करना चाहिए। शिक्षक की भूमिका में आदित्य अमन, छात्र की भूमिका में तरुण सिंह और रानी राय ने बेहतरीन भूमिका निभाई। राहुल भारती और राहुल दास ने सूत्रधार की भूमिका निभाई जिसने लोगों से अपील की कि हमें अपनी मातृभाषा का उपयोग करना चाहिए। उपस्थित दर्शकों ने खोरठा नाटक की प्रस्तुति को व्यंग्य के तौर पर लिया। कुछ लोग चर्चा भी कर रहे थे, कि मातृभाषा का सम्मान जरूरी है। नाटक का लेखन व निर्देशन रंगकर्मी महेश 'अमन' ने किया था।
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