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बाल विवाह बच्चों के मौलिक अधिकारों का हनन-

बच्चों द्वारा निकाली गई जागरूकता रैली

*ज़िला के पोड़ैयाहाट प्रखंड अंतर्गत चतरा पंचायत के उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय, कमराबांध परिसर में  जिला बाल संरक्षण इकाई, गोड्डा एवं वर्ल्ड विज़न के संयुक्त तत्वावधान में वर्ल्ड डे फ़ॉर प्रीवेंशन ऑफ चाइल्ड एब्यूजके अवसर पर बाल संरक्षण से संबंधित विभिन्न विषयों यथा- बाल विवाह, बाल श्रम, बाल दुर्व्यवहार, बाल तस्करी, बाल अधिकार आदि पर एकदिवसीय जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।*
*कार्यक्रम के मुख्य अतिथि संरक्षण अधिकारी, ओम प्रकाश ने उपस्थित सभी जनमानस को संबोधित करते हुए बाल संरक्षण से जुड़े विभिन्न विषयों के संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि समाज के सभी लोगों के सहभागिता से ही बाल संरक्षण से* *जुड़े सभी समस्याओं का निराकरण हो सकता है। समाज के प्रत्येक व्यक्ति को इसके लिए सामूहिक प्रयास करना होगा। उन्होंने बाल विवाह के संबंध में विस्तृत जानकारी दी एवं बच्चों के सहभागिता के अधिकार को समझाते हुए कहा कि घर के फैसले में बच्चों की सहभागिता भी सुनिश्चित करें। साथ ही बच्चों के सुरक्षा घेरा एवं शिक्षा से* *विकास के महत्व को बताया और कहा कि-  "लड़की को अगर पढ़ाओगे, तो*
*अपना ही नहीं देश का भी स्वाभिमान बढ़ाओगे"। इसके अलावे गुड टच, बैड टच, बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006, पोक्सो अधिनियम, चाइल्ड लाइन 1098, स्पॉन्सरशिप एवं फोस्टर केयर, आदि की जानकारी दी।*

बाल विवाह बच्चों के मौलिक अधिकारों का हनन-  संरक्षण अधिकारी

          वर्ल्ड विजन के सुजीत नायक ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि बाल विवाह कानूनन अपराध है, जिसमे दोषी को एक लाख का जुर्माना और दो वर्ष का कारावास का प्रावधान है। कानून की नजर में बाल विवाह की वैधता नहीं है। विवाह के लिए लड़की की उम्र कम से कम 18 वर्ष एवं लड़के की उम्र कम से कम 21 वर्ष होनी चाहिए।*
  *कार्यक्रम के दौरान गाँव मे बच्चों द्वारा बाल विवाह संबंधी जागरूकता रैली भी निकाला गया।*
      *इस जागरूकता कार्यक्रम में संरक्षण अधिकारी ओम प्रकाश, वर्ल्ड विज़न के  सुजीत नायक, उपेंद्र कुशवाहा, सुर्य नारायण, शिक्षक सीताराम पंडित, तेजस्विनी की खुशबू कुमारी, स्थानीय मांझी हड़ाम एवं अन्य ग्रामीण उपस्थित थे।*

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