गिरिडीह: जैसे ही सोमवार को जाबीर अंसारी का शव नागपुर से डुमरी थाना क्षेत्र अंतर्गत परसाबेडा गांव पहुँचा तो परिजनों के हृदय विदारक चीत्कार से पूरा माहौल गमगीन हो गया। मृतक जाबीर अंसारी की पत्नी रूबेदा खातून का रोते रोते बुरा हाल हो चुका था,वे लगातार अचेत हो जा रही थी जिनको आस पास के महिलाओं द्वारा सम्भाला जा रहा था,लेकिन अपने पति के खोने के गम में वह किसी की नही सुन रही थी,उनके एक ही शब्द सभी को रुला दे रही थी कि हम केकर बिगडले रहनी हा, अब हमनी के केकरा सहारे रहब। उसकी पत्नी यह कह कर दहाड़ मार रही हैं कि मुझे क्या मालूम कि मेरे पति मुझे ठुकरा कर जिंदगी के उस दहलीज पर ले जाकर खड़ा कर देंगे।विधवा पत्नी की बिलाप सुन कर उपस्थित लोग भी अपने-अपने आंसू को नही रोक पाए।वहीं जाबीर अंसारी का शव जैसे ही उनके घर पहुंचा तो “क्या बूढ़े, क्या नौजवान एका एक उसके घर के तरफ दौड़ पड़े।मृतक जाबीर अंसारी के दोनो बेटे साकिर अंसारी(08),ताजिम अंसारी(05) व बेटी रुबीना खातून(10) मृत पिता के शव को निहार-निहार बिलख रहे थे और उनकी आंखों के आँसू भी सुख गये थे।बताते चलें कि डुमरी थाना क्षेत्र के परसाबेडा निवासी गुलाम मुस्तफा उर्फ टेबूल मियां के 34 वर्षीय पुत्र जाबीर अंसारी नागपुर में कंपनी में ट्रक ड्राइवर के रूप में काम करने नागपुर गये थे।जहाँ पिछले शुक्रवार की रात को अज्ञात वाहन की चपेट में आने से गंभीर रूप से घायल हो गये थे।जिनका इलाज नीजी अस्पताल में कराया जा रहा था।इलाज के दौरान शनिवार रात को मौत हो गयी।इस दुखद घटना को लेकर प्रवासी हित में कार्य करनेवाले समाजसेवी सिकन्दर अली ने कहा कि हमारे झारखंड के गिरीडीह,बोकारो व हजारीबाग जिले के अधिकतर पलायन कर चुके हैं और अधिकतर मजदूर विदेशों में काम करते हैं और प्रवासी मजदूरों की मौते लगातार हो रही हैं।जो एक बडी चिंता का विषय हैं। इसलिए मैं झारखंड सरकार से आग्रह करना चाहूँगा कि मृतक परिवारों को सरकार की ओर से उचित सहयोग राशि दी जाय।
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