गुंजन आनंद
ब्यूरो/ पाकुड़
आमड़ापाड़ा सेंट्रल कॉल ब्लॉक की समस्या नए रंग रूप में सामने आते रहे है इसी कड़ी में डी.बी.एल. एवं पी.एस.पी. सी. एल. के द्वारा ट्रांसपोर्टिंग, सिविल वर्क का पुराना भुगतान व स्थानीय को रोजगार ना देकर खुद जबरन कोयला ढुलाई करने के सम्बन्ध उपायुक्त पाकुड़ को लिखित आवेदन समर्पित करते हुए निम्न तथ्यों पर प्रकाश डाला हैं हम सभी विस्थापित व प्रभावित का विगत सात वर्षों से ट्रांसपोर्टिंग व सिविल वर्क का पैसा कम्पनी के पास बकाया है, कम्पनी ने ऑफिस उद्घाटन में हमलोगों को आस्वस्थ किया था कि जल्द ही आपलोगों का बकाया भुगतान किया जायेगा व रोजगार भी दिया जायेगा इसके बाद पी.एस. पी. सी. एल. ने चरणबद्ध तरीके से प्रपत्र की मांग की, हमलोगों ने शपथ पत्र के साथ कई बार कम्पनी में अपना बिल जमा किया, कम्पनी ने जांचोपरांत हमलोगों आश्वाशन दिया कि मई 2022 माह के अंत तक आप लोगों का भुगतान किया जायेगा, परन्तु कम्पनी फर्जी बिल का बहाना बनाकर न कोई बकाया भुगतान कर रही है और ना ही स्थानीय को ट्रांसपोर्टिंग व रोजगार दे रही है अपितु जबरन कोयला ढुलाई का प्रयास कर रही है। इस क्षेत्र की जनता इस सरकार व प्रशासन में इतनी बेबस व असहाय हो गयी है कि कोई भी गैर राज्यों की कम्पनी आकर उसके पैसे को ठग ले व रोजगार भी ना दे और अपनी तानाशाही चलाये और सरकार व प्रशासन भी मुख दर्शक बनकर देखती रहे. हमलोगों ने कई बार आपको भी लिखित रूप में इसकी जानकारी भी दी थी, मगर प्रशासन ने अपनी तरफ से कोई पहल नहीं की, जबकि हेमंत सरकार ने खुले मंच से सरकारी व निजी कंपनियों में स्थानीय को 75% रोजगार देने का वादा करती है, परन्तु क्या कारण है कि सरकार व प्रशासन इसमें कोई पहल नहीं कर रही हैं, सरकार व प्रशासन के ऐसे दुल- मूल रवैये से स्थानीय लोग काफी चिंतित व दुखी है ट्रांसपोर्टरों व कम्पनी के बीच मध्यस्था कर जल्द से जल्द भुगतान कराया जाय और बी.जी. आर.के भांती स्थानीय को ट्रांसपोर्टिंग व रोजगार मुहैया कराया जाय और डी.बी.एल.को सख्त निर्देश दिया जाय कि जबतक बकाया भुग तान व पूर्व कम्पनी के भाँती स्थानीय को ट्रांसपोर्टिंग व रोजगार नहीं देती है तबतक कोयला लोडिंग का प्रयास ना करें अन्यथा हमसभी ट्रांसपोर्टर, सिविल वर्कर व स्थानीय बेरोजगार अपने हक के लिए आन्दोलन करने पर बाध्य होंगे और इसमें किसी प्रकार की Law-in-order की समस्या आती है तो इसका जिम्मेदार D.B.L, P.S.P.C.L और पाकुड़ जिला प्रशासन होंगे।
0 Comments