बेहतर ढंग से लागू करने के लिए संबंधित विभागों के बीच समन्वय आवश्यक- डीडीसी, बोकारो...
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योजना से संबंधित वीडियो व ऑडियो का छोटे-छोटे क्लिप तैयार कर, सोशल मीडिया के जरिए व्यापक प्रचार-प्रसार करें - डीडीसी, बोकारो...
उपायुक्त सह अध्यक्ष, जिला बाल संरक्षण इकाई श्री अजय नाथ झा के निर्देश पर उप विकास आयुक्त श्रीमती शताब्दी मजूमदार की अध्यक्षता में आज दिनांक 20 अगस्त 2025 को समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में मिशन वात्सल्य क्रियान्वयन से संबंधित जिला बाल कल्याण एवं संरक्षण समिति की बैठक की गई। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य कठिन परिस्थिति में रहने वाले बच्चों को चिन्हित करना। जिले में उक्त बच्चों हेतु उपलब्ध सुविधाओं को चिन्हित करना और बच्चों हेतु एक मजबूत सुरक्षा तंत्र तैयार करना कर परिवार आधारित देखने बल को प्रोत्साहित करना। मौके पर सहायक निदेशक, सामाजिक सुरक्षा पदाधिकारी श्री पीयूष कुमार, अध्यक्ष, बाल कल्याण समिति श्रीमती लीलावती देवी, मनोचिकित्सक डॉ प्रशांत कुमार, जिला खेल पदाधिकारी श्रीमती हेमलता बुन, जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी श्रीमती अनीता झा, संरक्षण पदाधिकारी संस्थागत देखरेख श्रीमती सरिता कुमारी, गैर संस्थागत देखभाल श्री अजीत राणा, गौतम सागर, सहयोगिनी संस्था सहित अन्य उपस्थित थे। बैठक के दौरान जिले में बच्चों के संरक्षण, बाल विवाह, बाल श्रम, बाल यौन शोषण, बाल भिक्षावृत्ति, अनाथ एवं बेसहारा बच्चों के पुनर्वास जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई। साथ ही ऐसे बच्चों के लिए सरकारी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन पर विशेष जोर दिया गया। साथ ही बैठक में उपस्थित अधिकारियों ने भी अपने-अपने विभागों द्वारा किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी और आगामी रणनीतियों पर विचार-विमर्श किया।
बेहतर ढंग से लागू करने के लिए संबंधित विभागों के बीच समन्वय आवश्यक-
उप विकास आयुक्त श्रीमती शताब्दी मजूमदार ने कहा कि जिले में बाल संरक्षण से संबंधित विभिन्न योजनाओं को बेहतर ढंग से लागू करने के लिए संबंधित विभागों के बीच समन्वय आवश्यक है। उन्होंने संबंधित पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि आमजन मानस को जागरूक करने हेतु उक्त योजना से संबंधित वीडियो व ऑडियो का छोटे-छोटे क्लिप बनाकर इसे सोशल मीडिया के जरिए व्यापक प्रचार-प्रसार करें। ताकि आमलोगों को उक्त योजना से संबंधित जानकारी हो सके।
जरूरतमंद बच्चों की पहचान करें-
उप विकास आयुक्त श्रीमती शताब्दी मजूमदार ने सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि बच्चों के हित में चल रही योजनाओं की सतत निगरानी की जाए और जरूरतमंद बच्चों की पहचान कर उन्हें शीघ्र लाभ पहुंचाया जाए।
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