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तेनुघाट व्यवहार न्यायलय के प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी दिग्विजय नाथ शुक्ला की अदालत ने चेक बाउंस के दोषी बोकारो निवासी विनोद कुमार हेंब्रम को एक साल की सजा और पांच लाख पच्चीस हजार रुपए जुर्माना की सजा सुनाई है।

मो० शबा की रिपोर्ट 

तेनुघाट ---- तेनुघाट व्यवहार न्यायलय के प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी दिग्विजय नाथ शुक्ला की अदालत ने चेक बाउंस के दोषी बोकारो निवासी विनोद कुमार हेंब्रम को एक साल की सजा और पांच लाख पच्चीस हजार रुपए जुर्माना की सजा सुनाई है। ज्ञात हो कि उक्त कांड के परिवादी पेटरवार थाना अंतर्गत तेनुघाट चटाई टाइप निवासी शैलेश यादव ने तेनुघाट व्यवहार न्यायालय में वर्ष 2022 में एक परिवाद पत्र दाखिल कर बताया था कि उसकी और अभियुक्त बिनोद कुमार हेंब्रम की पहले से दोस्ती थी। हेंब्रम ने अपनी पत्नी बीमारी की इलाज करवाने और अन्य जरूरी काम के लिए दोस्ताना कर्ज के लिए पांच लाख पचास हजार रुपए जनवरी 2017 को मांगे थे। जरूरत को देखते हुए परिवादी ने अभियुक्त को पांच लाख पचास हजार रुपए दोस्ताना कर्ज के रूप में दिए थे। मगर जब काफी समय तक रुपया वापस नहीं किया, तब परिवादी ने अभियुक्त से दोस्ताना कर्ज वापस करने की मांग की, तब अभियुक्त ने परिवादी को एक लाख पचास हजार रुपए दिए। साथ ही शेष राशि चार लाख रुपए भी वापस करने की बात कही। नहीं देने पर परिवादी ने जब फिर अभियुक्त से दोस्ताना कर्ज वापस करने की मांग की। तब अभियुक्त ने परिवादी को चार लाख रुपए का एक चेक दिया। जिस चेक को परिवादी ने जब बैंक में डाला वह चेक बाउंस हो गया। जिसकी जानकारी अभियुक्त को दिया गया, मगर उसने पैसा नहीं लौटाया। परिवादी यादव ने अभियुक्त हेंब्रम के विरुद्ध न्यायालय में चेक बाउंस का मुकदमा दाखिल किया। न्यायालय में उपलब्ध गवाह एवं दोनों पक्ष के अधिवक्ताओं के बहस सुनने के बाद अभियुक्त को दोषी मानते हुए एक साल की सजा और पांच लाख पच्चीस हजार रुपए जुर्माना की सजा सुनाई। सजा सुनाए जाने के बाद अभियुक्त के अधिवक्ता द्वारा न्यायालय में सजा के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील करने का आवेदन दिया गया। इसके बाद दोषी अभियुक्त को जमानत पर छोड़ा गया। परिवादी शैलेश यादव की ओर से अधिवक्ता बीरेंद्र प्रसाद ने बहस की।

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