जिला स्तरीय योजनाओं का डीडीसी ने किया समीक्षा बैठक
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कृषि, आत्मा, पशुपालन, सहकारिता, मत्स्य, उद्यान, भू-संरक्षण एवं सांख्यिकी विभाग का किया समीक्षा, दिया जरूरी दिशा-निर्देश
समाहरणालय स्थित कार्यालय कक्ष में गुरुवार को उप विकास आयुक्त (डीडीसी) श्रीमती शताब्दी मजूमदार की अध्यक्षता में जिला स्तरीय योजनाओं की समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में कृषि, आत्मा, पशुपालन, सहकारिता, मत्स्य, उद्यान, भू-संरक्षण एवं सांख्यिकी विभाग के पदाधिकारी उपस्थित रहे। बैठक का उद्देश्य जिले में संचालित योजनाओं की प्रगति की समीक्षा कर लक्ष्य की पूर्ति हेतु आवश्यक रणनीति तय करना था।
प्रमुख विभागों की समीक्षा एवं दिशा-निर्देश निम्न हैं :-
कृषि विभाग: योजनाओं की विस्तृत प्रस्तुति
जिला कृषि पदाधिकारी द्वारा प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-KISAN), आत्मा योजना, बीज वितरण कार्यक्रम, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (PDMC), झारखंड मिलेट मिशन, सॉयल हेल्थ कार्ड योजना, आच्छादन योजना एवं किसान समृद्धि योजना की अद्यतन प्रगति प्रस्तुत की गई।
झारखंड मिलेट मिशन: किसानों का शीघ्र पंजीकरण कराने का दिया निर्देश
सॉयल हेल्थ कार्ड योजना: लिए गए मृदा नमूनों को तुरंत केवीके, पेटरवार को प्रेषित करने का निर्देश दिया। योजनाओं के क्रियान्वयन में पारदर्शिता एवं गति सुनिश्चित करने पर जोर।
भू-संरक्षण विभाग: मिनी ट्रैक्टर योजना में तेजी लाने के निर्देश
जिला भू-संरक्षण पदाधिकारी को मिनी ट्रैक्टर वितरण योजना के अंतर्गत अधिकतम किसानों के आवेदन 20 अगस्त 2025 तक सुनिश्चित कराने हेतु निर्देशित किया गया। किसानों तक योजना की जानकारी पहुंचाने और आवेदन प्रक्रिया को सरल बनाने को कहा।
सहकारिता विभाग: पैक्स गोदाम निर्माण और भूमि आवंटन को लेकर दिया निर्देश
पैक्स (प्राथमिक कृषि साख समिति) के अंतर्गत कार्यालय सह गोदाम निर्माण के लिए प्रस्तावित योजनाओं की समीक्षा की गई।
उप विकास आयुक्त ने सभी अंचल अधिकारियों को निर्देशित किया कि भूमि आवंटन हेतु पत्र निर्गत करें।
विवादित भूमि मामलों में अनुमंडल पदाधिकारी स्तर से समाधान प्रारंभ करने हेतु कार्रवाई सुनिश्चित करने को कहा गया।
फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) – खरीफ 2025: लक्ष्यों की पूर्ति करें
योजना के अंतर्गत 14 अगस्त 2025 तक किसानों का पंजीकरण पूर्ण कराना अनिवार्य है।
अब तक की प्रगति पर असंतोष व्यक्त करते हुए प्रखंडवार लक्ष्य निर्धारण, नियमित मॉनिटरिंग और पंजीकरण प्रक्रिया में तीव्रता लाने के निर्देश दिए गए।
उद्यान विभाग: मधुमक्खी पालन योजना का क्लस्टर स्तर पर संचालन
जिला उद्यान पदाधिकारी को निर्देशित किया गया कि मधुमक्खी पालन योजना को जेएसएलपीएस के माध्यम से क्लस्टर स्तर पर चिन्हित कर क्रियान्वित किया जाए। योजना के तहत स्थानीय महिलाओं एवं युवा समूहों को भी जोड़ने का सुझाव।
पशुपालन विभाग: लक्ष्य और उपलब्धि में संतुलन लाने का निर्देश
विभागीय प्रगति की समीक्षा के दौरान लक्ष्य के मुकाबले उपलब्धि में अंतर पर चर्चा हुई। उप विकास आयुक्त ने तेजी से क्रियान्वयन कर वास्तविक आंकड़ों को अद्यतन करने के निर्देश दिए।
गव्या विकास विभाग: डेयरी प्लांट प्रस्ताव पर कार्रवाई शीघ्र करें
गव्या विकास विभाग की धीमी प्रगति पर उप विकास आयुक्त ने असंतोष जताया।विशेष रूप से डेयरी प्लांट प्रस्ताव को पीएमयू सेल के सहयोग से एक सप्ताह के भीतर तैयार कर प्रस्तुत करने को कहा गया।
मत्स्य विभाग: योजनाओं में पारदर्शिता और मशीनरी स्थापना पर बल
जिला मत्स्य पदाधिकारी को प्रत्येक सूचकांक को ट्रैक करने तथा योजनाओं के अंतर्गत मशीनरी स्थापना की प्रगति शीघ्र सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए।
बैठक के समापन पर उप विकास आयुक्त ने सभी विभागों को स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा कि लक्ष्य की समयबद्ध पूर्ति हेतु विभाग गंभीरता से कार्य करें। नियमित प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए। समस्याओं का समाधान स्थानीय स्तर पर प्राथमिकता के आधार पर किया जाए। योजनाओं की क्रियान्वयन में पारदर्शिता, दक्षता और जवाबदेही सुनिश्चित हो। उन्होंने यह भी कहा कि सरकारी योजनाओं का लाभ अंतिम पंक्ति तक पहुँचाना हमारा दायित्व है, और इसमें किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
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