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अंगिका और हिंदी भाषा के जाने- माने साहित्यकार डॉ जटाधर दुबे का निधन

अंगिका और हिंदी भाषा के जाने- माने साहित्यकार डॉ जटाधर दुबे का निधन दिल्ली के अस्पताल में इलाज के दौरान हो गया। डॉ दुबे के निधन पर साहित्यकारों में शोक की लहर दौड़ पड़ी। उनका जन्म पथरगामा प्रखंड के बन्दनवार ग्राम में सन् 1949 में प्रख्यात शिक्षाविद्  पंडित बाला प्रसाद दुबे के कनिष्ठ पुत्र के रूप में हुआ था। उन्होंने भौतिक विज्ञान से स्नातकोत्तर और पीएचडी किया और विनोबा भावे विश्वविद्यालय में बतौर भौतिकी विभागाध्यक्ष और कुलानुशासक के पद पर कार्यरत रहे। वे सदैव साहित्य, संस्कृति, कला और साहित्य के लिए समर्पित रहे। अखिल भारतीय अंगिका साहित्य कला मंच, झारखंड प्रदेश के तरफ से डॉ दुबे के निधन पर उनके पैतृक गांव बन्दनवार में एक शोक सभा का आयोजन किया गया। शोक सभा में मंच के महासचिव डॉ प्रदीप प्रभात, डॉ ब्रह्मदेव कुमार, डॉ मनोज कुमार राही, अनन्त नारायण दुबे, सुधांशु शेखर दुबे, अंजलि कुमारी,जयप्रकाश दुबे, विपुल कुमार दुबे  शामिल हुए और अपना श्रद्धा सुमन अर्पित किया तथा उनकी स्मृति में दो मिनट का मौन रखा।

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