समाहरणालय, भागलपुर
(जिल ने की अभियोजन के निष्पादन की समीक्षा
भागलपुर, 28 जून 2024. समाहरणालय अवस्थित समीक्षा भवन में जिला दंडाधिकारी सह जिलाधिकारी डॉ नवल किशोर चौधरी की अध्यक्षता में अभियोजन के निष्पादन की स्थिति की समीक्षा बैठक आयोजित की गई।
बैठक में जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि जो भी चार्ज शीट पुलिस पदाधिकारी के द्वारा व्यवहार न्यायालय में सीधे समर्पित किया जाता है, वह जिला अभियोजन पदाधिकारी के माध्यम से समर्पित किया जाए ताकि उसमें जो कमियां रह जाती है, उन कमियों को दुरुस्त कर चार्ज शीट प्रस्तुत किया जा सके, जिससे कनविक्शन रेट यानी दोषसिद्धि दर में वृद्धि हो सके।
जिलाधिकारी ने जिला अभियोजन पदाधिकारी को संबंधित न्यायालय से समन्वय स्थापित कर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से चिकित्सक और आई ओ (जॉच पदाधिकारी) की गवाही करवाने के निर्देश दिए, बताया गया कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से गवाही होने पर केस डिस्पोजल की गति में तेजी आएगी।
बैठक में प्रभारी पदाधिकारी जिला विधि शाखा श्री कृष्ण मुरारी द्वारा बताया गया कि जिला अभियोजन पदाधिकारी को न्यायालय वार नियुक्त एपीओ का अनुश्रवण भी किया जाना है, कि किस कोर्ट में कितने मामले लंबित हैं, इसकी समीक्षा भी उन्हें करनी है।
बताया गया कि पूर्व में निदेश दिया गया था कि 70% पुराने एवं 30% नए मामले को लेकर प्राथमिकता सूची बनाई जाए और उनका निष्पादन तेजी से कराया जाए।
बैठक में बताया गया कि जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल तथा सिविल सर्जन भागलपुर के माध्यम से जो जख्म प्रतिवेदन भेजे जाते हैं वह समय पर और विहित प्रपत्र में प्राप्त नहीं होता है। प्रतिवेदन में संबंधित डॉक्टर का मोबाइल नंबर और हस्ताक्षर भी स्पष्ट पता नहीं चलता है, जिसके कारण मामलों के त्वरित निष्पादन में कठिनाई उत्पन्न होती है।
बैठक में केस डायरी, अभियोजन की स्वीकृति, गवाहों की गवाही, गवाहों की उपस्थिति, जख्म प्रतिवेदन पर भी चर्चा की गई।
बताया गया कि एफआईआर दर्ज होने के 300 दिनों तक चार्ज शीट समर्पित नहीं की जाती है जिसे जो दोष सिद्ध का दर बढ़ नहीं पा रहा है।
जिला दंडाधिकारी ने कहा कि अगर अभियोजन की स्वीकृति का कोई मामला है, केस डायरी का कोई मामला है तो बताया जाए।
सम्मन और वारंट के निष्पादन भी में भी तेजी लाने के लिए उसकी समीक्षा करने का निर्देश जिला अभियोजन पदाधिकारी को दिया गया। स्वतंत्र गवाह को समय पर उपस्थिति सुनिश्चित करवाने के निर्देश दिए गए।
प्रत्येक न्यायालय के 15 सबसे पुराने मामले की समीक्षा जिला अभियोजन पदाधिकारी को करने का निर्देश दिया गया ताकि उनमें यदि कोई कमी हो तो उसे दूर कर दोष सिद्धि दर को बढ़ाई जा सके।
बैठक में जीरो एफआईआर, मल्टीपल एफआईआर, क्रॉस एफआईआर और जनरल एफआईआर भी चर्चा की गई।
बैठक में बताया गया की 29 जून को माननीय जिला एवं सत्र न्यायाधीश, भागलपुर की अध्यक्षता में व्यवहार न्यायालय में 1 जुलाई से संपूर्ण भारतवर्ष में लागू होनेवाले तीन नए कानून संहिता भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 एवं भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 को लेकर बैठक आयोजित है। जिसमें आला पुलिस पदाधिकारी, न्यायिक पदाधिकारी एवं तीनों जेल सुपरिंटेंडेंट को शामिल होना है।
बैठक में सिटी एसपी मिस्टर राज, जिला अभियोजन पदाधिकारी, स्पीडी ट्रायल वाले कोर्ट जिनमें एससी/एसटी, पॉस्को, एक्साइज, एनडीपीएस कोर्ट के स्पेशल पीपी, सभी संबंधित एपीओ बैठक में उपस्थित थे।
संयुक्त निदेशक जन संपर्क,
भागलपुर
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