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धार्मिक अनुष्ठान के साथ नववर्ष का शुभारंभ,, मनोहर दास सज्जन कुमार गर्ग

धार्मिक अनुष्ठान के साथ नववर्ष का शुभारंभ,, मनोहर दास 
सज्जन कुमार गर्ग 

जमालपुर। जमालपुर स्थित श्री योगमाया बड़ी दुर्गा स्थान उदासीन आश्रम के महंत डॉ मनोहर दास उदासीन ने लोगों का आह्वान किया कि नववर्ष 2024का शुभारंभ पाश्चात्य सभ्यता एवं संस्कृति के तर्ज पर न कर भारतीय संस्कृति के अनुरूप धार्मिक अनुष्ठान के साथ करें।नववर्ष की पूर्व संध्या पर उन्होंने कहा कि भारत अनादिकाल से संत महापुरुषों तथा मनीषियों का देश रहा हैं।और समय समय पर इन महापुरुषों ने मार्गदर्शन किया है। इसमें विहार का काफी योगदान रहा हैं,अखिल विश्व को ज्ञान का दीप दिखाने वाले बोद्त्व प्रदान करने वाले भगवान बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति बोधगया में हुई, इतिहास के स्वर्ण पृष्ठों में अंकित त्रऋ मुगदल की तपस्या स्थली, दानवीर कर्ण की भूमि मुंगेर को जगजननी जगदम्बा के शक्ति पीठ होने का गौरव हासिल हैं।ज्ञान की उत्पत्ति स्थल विहार के ही सीतामढ़ी में ही हैं। साक्षात शिव के अवतार कहलाने वाले सनातन धर्म की परंपरा की जीवंत कर दिग्दिगंत तक पहुंचाने वाले शंकराचार्य विहार की धरती पर महिषी सहरसा में पराजित हुए।देश को गोरी सरकार के जालिम पंजों से मुक्ति दिलाने वाले सत्य अहिंसा का पाठ जन जन को पढ़ाने वाले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के नमक आंदोलन का शंखनाद विहार की धरती सारण से ही किया।इसी कड़ी में मुंगेर गंगा तट की पवित्र भूमि पर जहां कभी दानवीर कर्ण नित्यप्रति दिन सवामन सोना दान किया करता था,उसी धरती पर वर्तमान परिवेश में योगिकिक क्रियाओं द्वारा ब्रह्म को हस्तमल्क करने वाले वीतरागी ब्रह्मत्रृषि योगीराज महापूरूष परमहंस स्वामी सत्यानंद जी महाराज ने संसार में योग का पताका लहराया।महंत डॉ मनोहर दास उदासीन ने नव वर्ष का शुभारंभ पाश्चात्य पद्धति का परित्याग कर हिन्दू संस्कृति के प्रतीक सनातन धर्म की मूल पद्धति दैविक अनुष्ठान वैदिक मंत्रों के अनुष्ठान के साथ करें। मौके पर गुजरात से पधारे महंत  अमृतानंद,संत विनायक,गुलशन राहुल भंडारी सहित भक्त सेवक मौजूद थें।