Current Khabar News By Chandan Pathak: 03/12/2022
एक्सआईएसएस में सेंट फ्रांसिस ज़ेवियर एसजे की याद में फीस्ट डे पर्व का आयोजन
ज़ेवियर समाज सेवा संस्थान (एक्सआईएसएस), रांची ने शुक्रवार को अपने संरक्षक सेंट फ्रांसिस ज़ेवियर एसजे की याद में फीस्ट डे पर्व का आयोजन किया। संस्थान के फैकल्टी, कर्मचारियों, और छात्रों ने अपने संरक्षक का आशीर्वाद लेने के लिए पवित्र मिस्सा उत्सव में भाग लिया।
सेंट फ्रांसिस ज़ेवियर वर्ष 1542 में ईश्वर के वचन का प्रसार करने के लिए भारत आए और लगभग 10 वर्षों तक अथक परिश्रम किया और इस प्रेरक कार्यकाल के दौरान उन्होंने कई लोगों के जीवन को छुआ। उनका ताबूत गोवा के बेसिलिका ऑफ बॉम जीसस में रखा हुआ है।
एक्सआईएसएस में आयोजित इस कार्यक्रम का संचालन डॉ जोसफ मारियानुस कुजुर एसजे, निदेशक, एक्सआईएसएस द्वारा किया गया, जिन्होंने छात्रों से सेंट फ्रांसिस ज़ेवियर की तरह बनने की आकांक्षा रखने की कामना की। उन्होंने कहा, “सेंट जेवियर एक मिशनरी और दूरदर्शी व्यक्ति थे| समाज को औसत बनने के लिए कभी समझौता नहीं करना चाहिए और प्रत्येक व्यक्ति को उत्कृष्टता के लिए आगे बढ़ना चाहिए। पुरुषों और महिलाओं को खुद को दूसरों की भलाई के लिए समर्पित करना चाहिए और अपने व्यक्तित्व के निर्माण को महत्व देना चाहिए।”
डॉ प्रदीप केरकेट्टा एसजे, सहायक निदेशक, एक्सआईएसएस के साथ उपस्थित फादर ज़ेवियर सोरेंग एसजे, फादर क्लेबर मिंज एसजे, और फादर समीर एसजे ने प्रार्थना का नेतृत्व किया और दोहराया कि सेंट फ्रांसिस ज़ेवियर के गुणों को आत्मसात करने के लिए हमें सभी प्रयास करने चाहिए।
कार्यक्रम में बाइबल से पहली, दूसरी रीडिंग और निदेशक, एक्सआईएसएस द्वारा एक छोटा सा उपदेश शामिल था, जिसमें उन्होंने पूरे एक्सआईएसएस परिवार की भलाई के लिए प्रार्थना की। कार्यक्रम का समापन उपस्थित कैथोलिक सदस्यों के बीच होली युकरिस्ट के वितरण के साथ हुआ।
सहायक निदेशक, एक्सआईएसएस ने धन्यवाद प्रस्ताव दिया जिसमें सामूहिक प्रार्थना में भाग लेने के लिए छात्रों के क्वायर ग्रुप और उपस्थित सभी लोगों को धन्यवाद दिया। इस मौके पर एक्सआईएसएस फैमिली की ओर से एक केक कटिंग सेरेमनी भी आयोजित की गई।
आरसीएसआर क्लब द्वारा रक्तदान शिविर का आयोजन
एक्सआईएसएस के रोटरैक्ट क्लब ऑफ सोशल रेवोल्यूशन (आरसीएसआर) द्वारा रक्तदान शिविर का भी आयोजन किया गया। निदेशक, एक्सआईएसएस ने कहा कि सेंट फ्रांसिस जेवियर के पर्व के दिन रक्तदान शिविर का होना बहुत प्रतीकात्मक है। जैसे फादर जेवियर ने भारत के लोगों के लिए अपना जीवन, पसीना और खून दिया, वैसे ही रक्तदाता भी खुशी-खुशी रक्त देकर उन लोगों को नया जीवन देते हैं जिन्हें अपना जीवन बचाने के लिए रक्त की आवश्यकता होती है।
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