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केंद्र पर बुलाकर खाद्य पदार्थों सहित न्यूट्रिशन के बारे में बताने का दिया निर्देश।

प्रतियोगिता से खाना बनाने का कौशल का बेहतर विकास होता है- निदेशक, डीपीएलआर......

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निदेशक, डीपीएलआर ने सेविका सहायिका को बच्चों की मां को केंद्र पर बुलाकर खाद्य पदार्थों सहित न्यूट्रिशन के बारे में बताने का दिया निर्देश

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जिले में पोषण पखवाड़ा के तहत आंगनबाड़ी सहायिकाओं के बीच पोषण पकवान प्रतियोगिता का हुआ आयोजन...

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 पोषण पखवाड़ा का मुख्य उद्देश्य बच्चों व गर्भवती महिलाओं को पौष्टिक आहार के प्रति जागरूक करना और बोकारो जिला सहित झारखंड राज्य को स्वस्थ बनाना...

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" पोषण पखवाड़ा 2025" के तहत आज दिन शनिवार को बोकारो स्टील सिटी क्षेत्र अंतर्गत सेक्टर 2/डी, कला केंद्र स्थित सभागार में जिला स्तरीय पोषण पकवान (व्यंजन) प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। यह प्रतियोगिता जिले के कुल 11 परियोजनाओं के कुल 33 आंगनबाड़ी सहायिकाओ (जो पूर्व में प्रखंड स्तर पर प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त किया है) के बीच किया गया। उक्त प्रतियोगिता निदेशक, डीपीएलआर श्रीमती मेनका की निगरानी में सम्पन्न हुआ। निदेशक, डीपीएलआर ने उपस्थित सभी आंगनबाड़ी सेविका सहायिका को कहा कि सभी परियोजना के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों के बच्चों की मां को भी केंद्र पर बुलाकर खाद्य पदार्थों सहित न्यूट्रिशन के बारे में बताइए ताकि वो भी अपने-अपने घरों में बच्चों को बनाकर खिला सके। उन्होंने विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थों को टेस्ट करने के दौरान कहा कि मोरिंगा एवं गूलर की सब्जी इतना बढ़िया बन सकता है यह हम आज जाने। इसलिए उन्होंने आगे बताया कि केंद्र के बच्चों की मां को भी इसकी जानकारी दे। ताकि वो भी अपने बच्चों को पोषणयुक्त भोजन खिला सके। उन्होंने सभी परियोजना के सभी सहायिका को धन्यवाद दिया यह कार्यक्रम बहुत ही सफलतापूर्वक संपन्न हुई।

सभी स्तर से तीन-तीन प्रतिभागियों का चयन किया जाएगा-

निदेशक, डीपीएलआर श्रीमती मेनका ने बताया कि पोषण पखवाड़ा के तहत सभी 11 परियोजना में पोषण पकवान प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। यह प्रतियोगिता ग्राम स्तर से राज्य स्तर तक आयोजन किया जाएगा और सभी स्तर से तीन-तीन प्रतिभागियों का चयन किया जाएगा। राज्य स्तर पर जिस केंद्र का रेसिपी चयनित होगी, वह पूरे राज्य के सभी आंगनबाड़ी के रेसिपी में लागू किया जाएगा। उन्होंने बताया कि विगत दिनों पूर्व प्रतियोगिता में प्रखंड स्तर पर चयनित सहायिकाओं को जिला स्तरीय पोषण पखवाड़ा कार्यक्रम में पोषण पकवान प्रतियोगिता के लिए भेजा गया। समूह का चयन बतौर निर्णायक मुख्य अतिथियो द्वारा किया था।

प्रतियोगिता से खाना बनाने का कौशल का बेहतर विकास होता है-

निदेशक, डीपीएलआर श्रीमती मेनका ने प्रतियोगिता में सेविका एवं सहायिका को बताया कि आप लोगों के बीच में इस तरह का प्रतियोगिता इसलिए कराया जा रहा है, ताकि आंगनबाड़ी केंद्र पर किस तरह से बच्चों के लिए खाना बनाती हैं और उस दौरान सुरक्षा स्वच्छता पर कैसे ध्यान रखती है। साथ ही ध्यान रखा जाता है कि आंगनबाड़ी केंद्र की पोषक क्षेत्र में कौन-कौन से खाद्य पदार्थ आसानी से उपलब्ध है और लोग ग्रहण कर रहे है। इस तरह का प्रतियोगिता से खाना बनाने का कौशल का भी बेहतर विकास होता है। 

पौष्टिक व्यंजनों की लगाई गई प्रदर्शनी-

प्रतियोगिता में झारखंड के लोकप्रिय व्यंजनों की प्रदर्शनी लगाई गई थी। जिले का 11 परियोजना की रसोईया और सहायिका ने 100 से अधिक व्यंजन बनाए थे। यह आयोजन पोषण पखवाड़ा के तहत किया गया है। जिलेभर में सरकार के निर्देश पर यह आयोजन किया जा रहा है। इसका उद्देश्य पोषण की गुणवत्ता बढ़ाना है और बच्चों को पोषणयुक्त भोजन उपलब्ध कराना है। सेविकाओं के द्वारा आंगनबाड़ी केंद्रों में दिए जाने वाले पैकेट से केक, ढोकला, चिला, खीर, हलवा, लड्डू, ठेकुआ इत्यादि का प्रदर्शन किया गया एवं स्थानीय तौर पर उपलब्ध साग सब्जी भी प्रदर्शित भी किया गया। 

प्रतियोगिता का उद्देश्य-

इस प्रतियोगिता का उद्देश्य बच्चों व महिलाओं को मोटा अनाज मुहैया कराना है। इसे लेकर प्रतियोगिता और नवाचार का आयोजन किया गया है, ताकि भविष्य में पोषणयुक्त भोज्य पदार्थ उपलब्ध कराया जा सके।

इस दौरान सभी बाल विकास परियोजना पदाधिकारी, सभी क्लस्टर के सुपरवाइजर सहित सेविका सहायिका एवं जिला समाज कल्याण कार्यालय के सभी कर्मी उपस्थित थे।