"वक्फ संशोधन बिल अविलंब वापस लिया जाए" – आफताब आलम
"जब तक बिल वापस नहीं होगा, संघर्ष जारी रहेगा" – मुहम्मद इरशाद
आज शकरपुर पंचायत में इंसाफ मंच के बैनर तले वक्फ संशोधन बिल 2024 के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया गया। इस विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व इंकलाबी नौजवान सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और औराई विधानसभा क्षेत्र से महागठबंधन समर्थित पूर्व प्रत्याशी आफताब आलम तथा सिंघवारा के पूर्व जिला पार्षद प्रत्याशी मुहम्मद इरशाद ने किया।
प्रदर्शन के दौरान लोगों ने वक्फ संशोधन बिल की प्रतियां जलाकर अपना गुस्सा जाहिर किया। इस विरोध में इंसाफ मंच, सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (SDPI) और अन्य संगठनों के कार्यकर्ताओं समेत बड़ी संख्या में सामाजिक कार्यकर्ता शामिल हुए।
अपने संबोधन में आफताब आलम ने कहा:
सरकार वक्फ संशोधन बिल के जरिए देश की मस्जिदों, मदरसों, कब्रिस्तानों, मजारों और इमामबाड़ों सहित वक्फ संपत्तियों पर कब्जा करना चाहती है। यह बिल संविधान विरोधी है और इससे मुस्लिम समुदाय के धार्मिक और कानूनी अधिकारों का हनन होगा। हम इसकी पूरी ताकत से विरोध करते हैं और सरकार से इसे तुरंत वापस लेने की मांग करते हैं।"
सामाजिक कार्यकर्ता मुहम्मद इरशाद ने कहा:
मोदी सरकार, नीतीश कुमार, चंद्रबाबू नायडू, चिराग पासवान और जीतन राम मांझी जैसे नेताओं के सहयोग से मुसलमानों को कमजोर करना चाहती है। वक्फ बोर्ड को कमजोर करके जिलाधिकारी के माध्यम से उसकी संपत्तियों पर कब्जा करना इस बिल का मुख्य उद्देश्य है। हम इसे हर स्तर पर चुनौती देंगे।"
शकरपुर पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि अहमद अली तमन्ना ने इस बिल को लोकतंत्र पर हमला बताते हुए कहा:
यह बिल मुसलमानों के संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन करता है। सरकार को यह बिल तुरंत वापस लेना चाहिए। जब तक यह बिल वापस नहीं होता, हमारा विरोध जारी रहेगा।"
प्रदर्शन के दौरान लोगों ने सरकार के खिलाफ नारे लगाए और वक्फ संपत्तियों की रक्षा के लिए संघर्ष का ऐलान किया। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि वे हर मंच और स्तर पर अपनी आवाज उठाएंगे जब तक यह बिल वापस नहीं ले लिया जाता।
धरने में आफताब आलम, मुहम्मद इरशाद, SDPI के नेता मुदस्सिर मुख्तार और शाहनवाज अहमद, मुखिया प्रतिनिधि अहमद अली, सामाजिक कार्यकर्ता मुहम्मद रजाउल्लाह समेत सैकड़ों लोग मौजूद थे।
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