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सांसद विजय हांसदा और उनके ईसीएल प्रतिनिधि मानस दत्ता ईसीएल के आउटसोर्सिंग कंपनी में ईसीएल

*माननीय सांसद विजय हांसदा और उनके ईसीएल प्रतिनिधि मानस दत्ता ईसीएल के आउटसोर्सिंग कंपनी में ईसीएल प्रभावित क्षेत्र नीमा कला, हिजुकिता, केंदुआ, चितरकोठी, भोड़ाई, बसडीहा, सिमरा के युवाओं को रोजगार देने में विफल*

*ईसीएल/ललमटिया :* ईसीएल प्रभावित क्षेत्र मुस्लिम आदिवासी बहुल इलाका है और राजमहल लोकसभा चुनाव में सबसे ज्यादा विजय हांसदा को मुसलमानो ने वोट दिया। राजमहल लोकसभा मुस्लिम बहुल लोकसभा होने के नाते ही यहां विजय हांसदा लगातार जीतते आ रहे हैं, क्योंकि राजमहल लोकसभा में सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी है और मुसलमान बीजेपी को हराने के लिए विजय हांसदा को वोट देता है। आदिवासी तो बीजेपी को भी वोट करते हैं।

लेकिन सबसे बड़ा सवाल है कि ईसीएल प्रभावित क्षेत्र मुस्लिम+आदिवासी बहुल क्षेत्र है। और विजय हासदा ने ईसीएल प्रभावित क्षेत्र के नीमा कला, हिजुकिता, केंदुआ, चितरकोठी, भोड़ाई, बसडीहा, सिमरा के कितने लोगों को अब तक रोजगार दिया है और यहां जो सांसद प्रतिनिधि के पद में मानस दत्ता को कार्यरत में रखा गया है वह अब तक नीमा कला, हिजुकिता, केंदुआ, चितरकोठी, भोड़ाई, बसडीहा, सिमरा के कितने लोगों को रोजगार दिया है..? 

यह सबसे बड़ा सवाल है कि मानस दत्ता 10 साल सांसद प्रतिनिधि के पद मे कार्यरत में रहे अब 11वां साल है उनका पद का और 11वां साल में मानस दत्ता से पुछा जाए के नीमा कला, हिजुकिता, केंदुआ, चितरकोठी, भोड़ाई, बसडीहा, सिमरा के कितने लोगों को रोजगार दिया है..? यह सब सवाल पूछिए और अगर संतुष्ट जवाब नहीं दे सकता है तो जेएमएम पार्टी और विजय हांसदा को ईसीएल मे नया सांसद प्रतिनिधि मुस्लिम या आदिवासी को नियुक्त करना चाहिए..।

क्योंकि विजय हांसदा तो अपना जगह ठीक है लेकिन जेएमएम पार्टी के पद पर बैठे लोग खराब हैं और विजय हासदा का जितना भी सांसद प्रतिनिधि है वह सब सिर्फ पैसे कमाने में है और अपना झोला भरने में है। जनता का कोई काम नहीं कर रहे हैं, इसलिए विजय हांसदा को मामले को संज्ञान लेना चाहिए और ईसीएल प्रभावित क्षेत्र के लोगों को रोजगार मुहैया कराना चाहिए...।

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