गुजरात के चालकों से पांच करोड़ लूटकांड मामले का गिरिडीह पुलिस ने किया खुलासा।
लूटकांड का मास्टर मांइड गुलाब सिंह फरार, तीन करोड़ से अधिक बरामद।
गिरिडीहः गुजरात के कार चालक मयूर सिंह जडेजा और उसके सहयोगी जगत सिंह जडेजा से ढाई सप्ताह पहले पांच करोड़ नगद लूट मामले का खुलासा गिरिडीह एसआईटी टीम ने कर लिया है। तो एसआईटी में शामिल पुलिस पदाधिकारियों के हत्थे छह अपराधी भी चढ़े है। और करीब तीन करोड़ 24 लाख 15 हजार नगद रुपए भी बरामद कर लिए गए। पिछले 21 जून को गिरिडीह के जमुआ के बाटी में हुए इस हाईप्रोफाईल लूटकांड के ढाई सप्ताह बाद शुक्रवार को प्रेसवार्ता कर एसपी अमित रेणु, एसडीपीओ मुकेश महतो, नौशाद आलम, डीएसपी संजय राणा, एसडीपीओ मनोज महतो और जमुआ थाना प्रभारी विपिन कुमार ने खुलासा किया और कई जानकारी दिया। लेकिन प्रेसवार्ता के दौरान बरामद नगद राशि तीन करोड़ 24 लाख 15 हजार को एक बड़े बक्से में भरकर लाया गया। जबकि ढाई सप्ताह के छापेमारी के दौरान बरामद इन नोटों की गिनती के लिए एसआईटी ने कुछ बैंको का सहयोग लेते हुए नोट गिनने की मशीन का इस्तेमाल किया था।
मामला चूंकि हाईप्रोफाईल लूटकांड को लेकर ही एसपी अमित रेणु के निर्देश पर 36 पदाधिकारियों और पुलिस जवानों समेत टेक्नीकल सेल की टीम को मिलाकर एसआईटी गठित हुआ था। लूटकांड का खुलासा करने के लिए गठित एसआईटी के सदस्यों ने अलग-अलग छापेमारी कर जिन छह अपराधियों को आठ मोबाइल और एक क्रेटा और एक एसयूीव वाहन के साथ दबोचा है। उनमें धनबाद के गोंविदपुर थाना क्षेत्र के भिलेज रोड निवासी राजेश सिंह, इसी थाना क्षेत्र के अमलाटांड निवासी करीम अंसारी, अमरपुर उपरबाजार निवासी विनोद विश्वकर्मा, फकीरडीह निवासी शाहजाद आलम, हजारीबाग के बरही निवासी रंजीत कुमार और चतरा के ईटखोरी निवासी अजीत सिंह शामिल है। एसपी ने प्रेसवार्ता के दौरान जानकारी दिया कि सबसे पहले गिरफ्तारी रंजीत कुमार को किया गया। जिसके पास से 1 करोड़ 14 लाख बरामद किया गया। इसके बाद रंजीत के निशानदेही पर ही पांच और अपराधियों के ठिकानों पर छापेमारी कर दबोचा गया। इसके बाद सबों के पास से 3 करोड़ 24 लाख 15 हजार बरामद किए गए। इधर एसआईटी में शामिल पुलिस पदाधिकारियों की मानें तो गिरोह का मास्टर मांइड बरही का गुलाब सिंह ही है। जिसके इशारे पर जमुआ के बाटी में लूटकांड को अंजाम दिया गया है। फिलहाल सांतवे अपराधी के रुप में गुलाब सिंह फरार है। लेकिन इसी गुलाब सिंह के इशारे पर जीटी रोड और नेशनल हाईवे में हर आने जाने वाले वाहनों की रैकी होती थी। क्योंकि गुलाब सिंह के इशारे पर ही गिरोह के सदस्य कभी खुद को पुलिस पदाधिकारी, तो कभी फाईनेंस कंपनियों के रिकवरी एजेंट और कई बार फर्जी परिवहन पदाधिकारी तक बनकर हर गाड़ियों को रोक कर उनकी रैकी करते थे। और इसी रैकी के क्रम में गुजरात के पाटन जिले के संतालपुर निवासी चालक मयूर सिंह जडेजा अपने साथी जगत सिंह जडेजा के साथ पटना के डीवाई कंपनी के प्रबंधक भरत सिंह सोंलकी के निर्देश पर पटना से कोलकाता पांच करोड़ रुपए पहुंचाने जा रहा था। लिहाजा, सुरक्षा के लिहाज से ही कार चालक ने अपने क्रेटा कार में गुप्त सेफ बनाकर पांच करोड़ उसमें रख लिए, लेकिन इसके बाद भी इस गिरोह के निशाने पर आ गया। क्योंकि पटना से कोलकाता जाने के क्रम में फरार अपराधी गुलाब सिंह अपने इन साथियों के साथ जीटी रोड में मयूर सिंह के गाड़ी को खुद को रिकवरी एजेंटी बताकर रोका। और जब जानकारी जुटाया कि गाड़ी में बड़ी राशि है तो निशाने पर लेते हुए जमुआ के बाटी में लूटने का प्लान बनाया। और बाटी में ओवरटेक करते हुए पांच करोड़ लूटकर फरार हो गया।
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