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जन्म-मृत्यु की सूचना 21 दिनों के अंदर अपने पंचायत सचिवालय में निबंधन करवा कर निशुल्क प्रमाण पत्र पाएं।

@GopalSh93408187

झारखंड/ पाकुड़ 

   बुधवार को अमड़ापाड़ा प्रखंड स्तरीय जन्म-मृत्यु निबंधन से संबंधित एक दिवसीय प्रशिक्षण- सह-कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का शुभारंभ पंचायत समिति प्रमुख श्रीमती जुहीप्रिया मरांडी,उप प्रमुख श्री शिवलाल देहरी एवं महिला पर्यवेक्षिका श्रीमती बॉबी कुमारी द्वारा संयुक्त रूप से किया गया।

जन्म-मृत्यु निबंधन से संबंधित एक दिवसीय प्रशिक्षण- सह-कार्यशाला का आयोजन

  मौके पर महिला पर्यवेक्षिका बॉबी कुमारी ने जन्म- मृत्यु के निबंधन  के महत्व के उद्देश्यों की जानकारी दी। साथ ही बताया कि जन्म- मृत्यु निबंधन से जुड़े निबंधकों, आंगनबाड़ी सेविकाओं,सहिया,सरकारी विद्यालयों के प्रधानाध्यापक एवं अन्य संबंधित पदाधिकारियों की भूमिका महत्वपूर्ण होगी। कहा कि सिर्फ पोषक क्षेत्र के जन्म मृत्यु के मामलों का संधारण किया जाएगा। सरकार ने आंगनबाड़ी -सेविकाओं को जन्म मृत्यु का उप रजिस्टार बनाकर बड़ा दायित्व सौंपा गया है। इसे ईमानदारी पूर्वक निभाना है। प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान बताया गया कि जन्म हो या मरण क्यों जरूरी है पंजीकरण। प्रशिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से बताया गया कि परिवार में हुए जन्म मृत्यु की सूचना 21 दिनों के अंदर अपने पंचायत सचिवालय  में देकर निबंधन कराएं एवं निशुल्क प्रमाण पत्र पाए इस कार्य में अपने क्षेत्र की आंगनबाड़ी सेविका की भी सेवा प्राप्त की जा सकती है। 21 दिनों बाद विलंब शुल्क के साथ निबंधन का भी प्रावधान है। सरकारी अस्पताल में घटित जन्म मृत्यु का प्रमाण पत्र उसी सरकारी अस्पताल में निशुल्क प्राप्त किया जा सकता है। जन्म निबंधन कराना इसलिए आवश्यक है। जन्म की तिथि एवं स्थान का प्रमाणिक दस्तावेज स्कूल में प्रवेश हेतु राशन कार्ड में नाम दर्ज कराने हेतु, ड्राइविंग लाइसेंस बनाने में, विदेश यात्राओं के लिए पासपोर्ट बनाने में, मताधिकार प्राप्त करने के लिए, वृद्धावस्था बालिका समृद्धि सुकन्या योजना एवं बच्चों के स्वास्थ्य संबंधी रिकॉर्ड के लिए, देश के वर्तमान जनसंख्या की स्थिति हेतु।

प्रशिक्षण- सह-कार्यशाला में उपस्थित निबंधक, आंगनबाड़ी सेविकाओं,सहिया व
सरकारी विद्यालयों के प्रधानाध्यापक

मृत्यु का निबंधन क्यों आवश्यक है

  मृत्यु तिथि का प्रमाणिक दस्तावेज है, पैतृक संपत्ति के दावे का निराकरण हेतु, कोर्ट कचहरी हेतु, जीवन बीमा,बैंक खाते हेतु, दुर्घटना में मुआवजा हेतु, चिकित्सा विज्ञान के विकास हेतु, जनसंख्या वृद्धि दर को नियंत्रित करने हेतु।


इस प्रशिक्षण-सह-कार्यशाला में  मुखिया, पंचायत सचिव, आंगनबाड़ी सेविका, प्रधानाध्यापक, स्वास्थ्य सहिया समेत अन्य उपस्थित थे।

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