तेनुघाट---- तेनुघाट में प्राकृतिक का पर्व सरहुल पूजा तेनुघाट पहाड़ी शिव मंदिर के समीप बड़े हर्षोल्लास और धूमधाम के साथ प्रत्येक वर्ष की भांति मनाया गय। बताते चले कि तेनुघाट में वर्ष 1995 से लगातार सरहुल पूजा मनाया जा रहा है l इसके संस्थापक के तौर पर स्वर्गीय नागेश्वर करमाली की सोच का बेहतरीन उपज है कि आज तेनुघाट में सरहुल पूजा का आयोजन किया जा रहा है। दिवंगत नागेश्वर करमाली के आत्मा की शांति के लेकर दो मिनट मौन रखकर उनकी श्रद्धांजलि दी गई। राज्य मंत्री का दर्जा प्राप्त पूर्व विधायक योगेंद्र महतो ने सरहुल की बधाई देते हुए कहा कि दिवंगत करमाली कि अच्छी सोच और सराहनीय कार्य के वजह से आज उन्हें याद किया जा रहा है। प्राकृतिक का सबसे बेहतरीन और अच्छा पूजा सरहुल पूजा है । प्राकृतिक के रखरखाव आदिवासियों से बेहतर कोई नहीं कर सकता है । सरहुल में सखुवा और पलाश का फूल का पूजा किया जाता है तथा इसके बाद से हिन्दू रीति रिवाज से नव वर्ष का प्रारंभ होता और ईश्वर से सभी के लिये सुख सम्पति समृद्धि के लिए कामना करते है । योगेंद्र महतो ने सरहुल का आनंद उठाते हुए ढोलक भी बजाया। मुख्य अतिथि के रूप में राज्य मंत्री योगेंद्र महतो एवं विशिस्ट अतिथि के रूप में हीरालाल मांझी झामुमो जिला अध्यक्ष बोकारो, अशोक मुर्मू जिप सदस्य एवं झामुमो कोषाध्यक्ष उपस्थित रहे। अध्यक्षता पूर्व मुखिया श्रीराम हेंब्रम तथा संचालन सीताराम मुर्मू ने किया। तेनुघाट ओपी प्रभारी सुनील कुमार अपने दलबल के साथ उपस्थित रहे।
इस मोके पर पूर्व जिप उपाध्यक्ष राधानाथ सोरेन, प्रखंड बीस सूत्री अध्यक्ष मुकेश महतो, उमेश महतो, पूर्व जिप सदस्य दिलीप हेंब्रम, मुखिया रीता देवी, अरविंद मुर्मू, मुखिया प्रतिनिधि सीताराम मुर्मू, बुधन गंझु, चमन गंझू, लालजी टुडू, बाबू चंद्र मुर्मू, मिथुन सोरेन, लखनलाल हेम्ब्रम, परगना मरांडी, बबलू करमाली, विजय महतो विधायक प्रतिनिधि, धनेश्वर मुर्मू सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित थे।
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