महिलाओं के तरक्की के बगैर विकास अधूरा है - डॉ सरोजिनी लकड़ा
राँची, 07 मार्च 2023
राँची विश्वविद्यालय की इंटरनल कमिटी (महिला कोषांग ) एवं राष्ट्रीय सेवा योजना के संयुक्त तत्वावधान में " अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस " के पूर्व दिवस के अवसर पर आज दिनाँक 07 मार्च को आर यू के मुख्य प्रशासनिक भवन परिसर में महिला संगोष्ठी एवं जागरूकता रैली कुलपति डॉ अजीत कुमार सिन्हा के अध्यक्षता में आयोजित की गई। वर्ष 2023 का संयुक्त राष्ट्र अमेरिका द्वारा घोषित किया गया थीम " डिजिटल, लैंगिक समानता के लिए नवाचार और प्रौद्योगिकी " पर संगोष्ठी के साथ जागरूकता रैली को महापौर डॉ आशा लकड़ा, खेल निदेशक डॉ सरोजिनी लकड़ा , राज्य निदेशक, नेहरू युवा केन्द्र डॉ हनी सिन्हा, कुलपति डॉ अजीत कुमार सिन्हा , एफ ए देवाशीष गोस्वामी, डी एस डब्ल्यू डॉ सुदेश कुमार साहू, वित्त पदाधिकारी डॉ कुमार ए एन शाहदेव , उप निदेशक , वोकेशनल कोर्सेस डॉ स्मृति सिंह एवं एन एस एस कार्यक्रम समन्वयक डॉ ब्रजेश कुमार ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
संगोष्ठी के मुख्य अतिथि राँची की महापौर डॉ आशा लकड़ा ने अपने सम्बोधन में कहा कि आज की नारी की पहचान " फूल भी है, चिंगारी भी है , हम भारत की नारी हैं" से है।उन्होंने कहा कि महिला दिवस महिलाओं के विभिन्न क्षेत्रों में उनके अतुलनीय योगदान तथा उपलब्धियां को पहचान दिलाने के लिए प्रत्येक वर्ष मनाया जाता है ।उन्होंने कहा कि इस बात को नकारा नहीं जा सकता कि आज के समाज में महिलाओं का योगदान पुरुषों के बराबर रहा है बल्कि वे पुरुषों से भी आगे निकल गई हैं।
विशिष्ट अतिथि खेल निदेशक डॉ सरोजिनी लकड़ा ने अपने संबोधन में कहा कि महिलाओं के तरक्की के बगैर विकास अधूरा है।उन्होंने कहा कि खेल के क्षेत्र से लेकर प्रत्येक क्षेत्र में महिलाएं, पुरुषों से कही भी कम नहीं है।
संगोष्ठी की सम्मानित अतिथि नेहरू युवा केन्द्र संगठन की राज्य निदेशक श्रीमति हनी सिन्हा ने कहा कि आज महिलाएं प्रत्येक क्षेत्र में डंका बजा रही है ।उन्होंने कहा कि यू एन के अनुसार पुरुषों की तुलना में 259 मिलियन कम महिलाएं इंटरनेट का उपयोग कर पाती है एवं महिलाओं को विज्ञान, गणित , प्रौद्योगिकी एवं इंजीनियरिंग के क्षेत्र में कम प्रतिनिधित्व दिया जाता है, इस कारण इस वर्ष का थीम " डिजिटल, लैंगिक समानता के लिए नवाचार और प्रौद्योगिकी " रखा गया है।
अपने अध्यक्षीय सम्बोधन में कुलपति डॉ अजीत कुमार सिन्हा ने कहा कि दुनिया की आधी आबादी का सम्मान दिलाना सभी का परम कर्तव्य है।उन्होंने कहा कि समाज में पुरुष का वर्चस्व रहा है ,ऐसे में महिलाओं को बराबरी का दर्जा दिलाने हेतु आज के दिन संकल्प लेकर हमें आगे आना होगा एवं महिला - पुरुष के इस बड़े गैप को कम करने हेतु सामूहिक प्रयास करना होगा।
संगोष्ठी में शामिल अतिथियों के लिए स्वागत भाषण वोकेशनल कोर्सेस की उप निदेशक डॉ स्मृति सिंह ने किया।
संगोष्ठी का सफल संचालन एन एस एस के कार्यक्रम समन्वयक डॉ ब्रजेश कुमार ने किया जबकि धन्यवाद ज्ञापन वित्त पदाधिकारी डॉ कुमार ए एन शाहदेव ने किया।
संगोष्ठी को डी एस डब्ल्यू डॉ सुदेश कुमार साहू, वित्तीय परामर्शी देवाशीष गोस्वामी, डॉ वंदना राय, डॉ इंदिरा कुमारी, डॉ हर्षिता सिन्हा, डॉ सुमित कुमार डे, डॉ रानी प्रगति प्रसाद ने भी संबोधित किया।
महिला दिवस के अवसर पर एन एस एस के राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित फलक फातिमा एवं गणतंत्र दिवस परेड शिविर, नई दिल्ली -2023 में शामिल दीक्षा कुमारी को सम्मानित किया गया।
संगोष्ठी के पश्चात जागरूकता रैली को हरी झंडी दिखाकर अतिथियों ने रवाना किया।रैली विश्वविद्यालय मुख्यालय से प्रारंभ होकर एल्बर्ट एक्का चौक, सर्जना चौक , शहीद चौक होते हुए विश्वविद्यालय मुख्यालय में आकर समाप्त हो गया।रैली में 300 से ज्यादा शामिल छात्र , छात्राएं एवं प्राध्यापक महिला जागरूकता हेतु लिखी गई श्लोगन की तख्तियां हाथों में लेकर नारा लगाते चल रहें थे।
कार्यक्रम को सफल बनाने में एन एस एस के टीम लीडर्स क्रमशःआस्था, खुशी, अंशु, प्रिया, चारुबाला, सौरभ, पुरषोत्तम, रिकेश, अंकित, गुड़िया, अनुभा , शिवम आदि की उल्लेखनीय योगदान रहा।
सादर
डॉ ब्रजेश कुमार
कार्यक्रम समन्वयक
राष्ट्रीय सेवा योजना
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