औद्योगिक और पर्यटन विकास के लिए हेमंत सोरेन ने कसी कमर, बनेंगे 6 रोड कॉरिडोर
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की खनिज संपदा को प्रदर्शित करने के लिए नीति के तहत खनन पर्यटन के ज़रिए संभावनाओं को तलाशा जायेगा, जो अपने आप में एक नई खोज है। उन्होंने कहा कि नई पर्यटन नीति में एडवेंचर टूरिज्म की गतिविधियों जैसे पैराग्लाइडिंग, वाटर स्पोर्ट्स, रॉक क्लाइम्बिंग, ग्लाइडिंग आदि को बढ़ावा देने का कार्य होगा।
झारखंड में 1367 किमी लंबा छह हाईस्पीड रोड कॉरिडोर बनाया जायेगा. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर पथ निर्माण विभाग ने झारखंड के चारों ओर रोड नेटवर्क डेवलप करने के लिए प्लान तैयार कराया है. फिजीबिलिटी स्टडी और डीपीआर तैयार करने के लिए कंसलटेंट का चयन कर निविदा आमंत्रित की गयी है. इनमें पर्यटन की दृष्टि से भी कॉरिडोर का निर्माण कराया जायेगा. 3 पैकेज में 6 कॉरिडोर का निर्माण किया जाएगा. ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर, झारखंड ईर्स्टन कॉरिडोर, टूरिस्ट कॉरिडोर, सेंट्रल कॉरिडोर और नार्थ-साउथ कॉरिडोर का निर्माण कराया जायेगा. सभी सड़कें फोरलेन होंगी. जो रोड अभी दो लेन की है उसे फोरलेन किया जायेगा.
पैकेज 1
ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर - मुरीसेमर - चतरा-बरही - बेंगाबाद-मधुपुर- सारठ-पालाजोरी- दुमका हाइवे कॉरिडोर 393 किमी
झारखंउ ईर्स्टन कॉरिडोर-साहेबगंज- जामताड़ा - निरसा - सिंदरी - चंदनक्यारी, चांडिल हाइवे कॉरिडोर . 121.00 किमी
पैकेज -2
नार्थ-साउथ कॉरिडोर - झुमरीतिलैया एनएच 31, एनएच 2, अंकितीडीह- बिशुनगढ़- पेटरवार- कसमार - बरलंगा- सिल्ली-रडगांव- सरायकेला- -चाइबासा- जैंतगढ़ से ओडिशा तक. 275.00 किमी
बिरसा- -लुगुबुरू- पारसनाथ - बाबाधाम होली टूरिष्ट कॉरिडोर: रांची- ओरमांझी- गोला- रजरप्पा - देवघर. 170.00 किमी
पैकेज -3
झारखंड सेंट्रल कॉरिडोर - रांची-कांठीटांड -ठाकुरगांव-बुढ़मू- टंडवा - चतरा- हंटरगंज बिहार बोर्डर 140 किमी
टूरिष्ट कॉरिडोर - मिलन चौक, सिल्ली- रांगामाटी रोड, सरमजमडीह-तमाड़-खूंटी- गोविंदपुर- सिसई-घाघरा-नेतरहाट-गारू- सरयू- लातेहार-हेरहंज - बालूमाथ - मैक्लुस्कीगंज-चामा मोड़. 270 किमी
कॉरिडोर निर्माण से जुड़ेगा पूरा राज्य: सुनील कुमार
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर झारखंड की सड़कों को उच्च तकनीक से बनाने पर तेजी से काम चल रहा है. हर तरफ रोड का बेहतर नेटवर्क बने इसके लिए काम तेजी से किया जा रहा है. पथ निर्माण विभाग, स्टेट हाइवे ऑथोरिटी ऑफ झारखंड, एनएच विंग और एनएचएआई के जरिये झारखंड में तेजी से सड़क निर्माण हो रहा है. इसी कड़ी में यह छह रोड कॉरिडोर निर्माण किया जाना है. यह प्रयास हो रहा है कि आगामी वित्तीय में इसे पूरा कर लिया जाय।
सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखण्ड को हमेशा खनन के नजरिये से देखा गया। इस राज्य को आकर्षण के नजरिये से दुनिया देखे, यही हमारा लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि यहाँ के जल, जंगल, पहाड़, झरने, नदियों में पर्यटन के दृष्टिकोण से असीम संभावनाएं हैं। आप देखेंगे राज्य की उसी लक्ष्य को प्रतिबिम्बित करता है। उन्होंने कहा कि झारखंड जितना संपन्न जमीन के अंदर है, उतना ही संपन्न जमीन के ऊपर हैं. यहां के जमीन के नीचे तो सभी ने सर्वे कर लिया, लेकिन यहां के खूबसूरत मनोरम दृश्य को शायद किसी ने आज तक बहुत करीब से नहीं देखा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों में झारखंड को देखने का नजरिया बदल रहा है. इस राज्य में कई अनोखी चीजें हैं, जो हर लिहाज से अध्ययन और शोध के साथ देखने योग्य् है. साहिबगंज जिले के मंडरों में फॉसिल पार्क का हाल ही में उद्घाटन हुआ है. इसका इतिहास लगभग पन्द्रह करोड़ साल पुराना है. यह मानव जीवन के उत्पति के इतिहास को दर्शाता है. उन्होंने कहा कि मेरी जानकारी के मुताबिक समुद्र से पहली बार भूमि सिंहभूम में ही बाहर आयी थी. यह लगभग 350 करोड़ वर्ष पुराना है. जहां आज बड़े पैमाने पर आयरन अयस्क पाए जाते हैं. नई पर्यटन नीति के माध्यम से इसे देश - दुनिया के सामने रखने का प्रयास किया जा रहा है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन लुभावने और सुंदर दृश्यों को देखने के लिए दूसरे राज्यों के हिल स्टेशन जाकर हजारों- लाखों रुपए खर्च करते हैं. वैसा ही दिल को सुकून देने वाला मनोरम दृश्य नेतरहाट के वादियों में देखा जा सकता है. नेतरहाट में जंगलों और खूबसूरत वादियों को देखकर आपको लगेगा कि यह किसी भी मामले में अन्य जगहों से कम नहीं है. नेतरहाट में पर्यटन को भी अलग रूप देने की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नई पर्यटन नीति में पर्यटन के विकास के लिए कई प्रावधान किए गए हैं. धार्मिक पर्यटन के तहत देवघर, पारसनाथ, मधुबन और इटखोरी जैसे धर्मिक स्थलों में नागरिक सुविधाएं प्रदान करने और उनके सौंदर्यीकरण किया जाएगा वहीं, इको-टूरिज्म को बढ़ावा देने एवं और पर्यटन गतिविधियों को प्रकृति के साथ जोडते हुए लातेहार-नेतरहाट-बेतला, चांडिल - दलमा - मिर्चेया- गेटेलसुद इको-सर्किट के विकास का कार्य हो रहा है। इन जगहों पर पर्यटकों के रहने के लिए रेस्ट हाउस की सुविधा उपलब्ध कराई जायेगी। झारखण्ड की वैभवशाली संस्कृति का अनुभव राज्य की जीवंत और विविध संस्कृति को प्रदर्शित करने के लिए फ़ूड फेस्टिवल, इंटर स्टेट कल्चरल प्रोग्राम आयोजित करने पर जोर दिया जा रहा है। ग्रामीण पर्यटन की क्षमता को बढ़ाने के लिए चिन्हित गांवों का सौन्दर्यीकरण, स्थानीय व्यंजनों को बढ़ावा, ग्रामीण जन जीवन को बढ़ावा देना शामिल है। इस संबंध में ग्राम पर्यटन समितियों (वीटीसी) और ग्रामीण पर्यटन उपसमिति का गठन किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की खनिज संपदा को प्रदर्शित करने के लिए नीति के तहत खनन पर्यटन के ज़रिए संभावनाओं को तलाशा जायेगा, जो अपने आप में एक नई खोज है। उन्होंने कहा कि नई पर्यटन नीति में एडवेंचर
खोज है। उन्होंने कहा कि नई पर्यटन नीति में एडवेंचर टूरिज्म की गतिविधियों जैसे पैराग्लाइडिंग, वाटर स्पोर्ट्स, रॉक क्लाइम्बिंग, ग्लाइडिंग आदि को बढ़ावा देने का कार्य होगा। वाटर स्पोर्ट्स के लिए तिलैया, मसनजोर, चांडिल, पतरातू, गेतालसूद, केलाघघ, कांके, हटिया जैसे डैम को विकसित करने की योजना है। वीकेंड गेटवे टूरिज्म के माध्यम से छुट्टी की तलाश करने वालों के लिए रोमांचक पड़ाव बनेगा झारखण्ड.
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य खनिज संपदा से कई राज्य जगमगाते रहे हैं लेकिन यह राज्य आज के दिन में भी कई समस्याओं से ग्रसित है. ऐसे में सरकार ने टूरिज्म के जरिए आगे बढ़ने की कार्य योजना बनाई है. मुझे लगता है कि इससे ग्रामीण क्षेत्रों की आर्थिक गतिविधियों में भी तेजी आएगी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पहला पड़ाव है. पर्यटन नीति तो हमने बना दी लेकिन हम लोगों की यात्रा यहीं पर खत्म नहीं होती है. मैं समझता हूं अगर पर्यटक की यात्रा झारखंड में प्रारंभ हुई है तो पूरे विश्वास के साथ कह हूं कि पर्यटक के पैर कभी नहीं रुक सकते, क्योंकि हर मोड़ पर, हर चौराहे पर यहां एक से बढकर एक खूबसूरत पर्यटक स्थल हैं जो सैलानियों को लभाएंगे खबर ताशफीन मुर्तजा की
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