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झारखंड के दिशोम गुरु शिबू सोरेन का 81 वर्ष की उम्र में निधन,झारखंड सहित सम्पूर्ण भारत में शौक की लहर :- मो नूरहसन प्रधान संपादक से प्रबंध निदेशक करंट खबर राष्ट्रीय हिंदी मासिक पत्रिका

झारखंड के दिशोम गुरु शिबू सोरेन का 81 वर्ष की उम्र में निधन,झारखंड सहित सम्पूर्ण भारत में शौक की लहर :- मो नूरहसन प्रधान संपादक से प्रबंध निदेशक करंट खबर राष्ट्रीय हिंदी मासिक पत्रिका                                                          मैं मो नूरहसन प्रधान संपादक से प्रबंध निदेशक करंट खबर राष्ट्रीय हिंदी मासिक पत्रिका गुरूजी मुझे बहुत चाहते थे गुरु जी के निधन से आज एक इतिहास का अंत हुआ है अत्यंत दुखी मन से विश्व के आदिवासी के सबसे बड़े नेता झारखंड राज्य के निर्माता, पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद, आदिवासियों और वंचित समाज की आवाज, क्रांतिवीर, हमारे प्रिय आदरणीय बाबा ढिशुम गुरु शिबू जी क़े दुखद निधन पर अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं जब गुरूजी 2000 मे सांसद थे गुरुद्वारा रोड रेकाबगंज मे रहते थे मैं वहाँ रहता था जिस दिन संसद भवन में झारखंड राज्य अलग को लेकर बहस चलना था उस दिन मेरे तीन पास बना था एक पास पीए ने बनवाया था दूसरा पास विधायक प्रशांत मंडल ने बनवाया था तीसरा परमानेंट पास गुरु जी ने स्वयं बनवाए थे और उस दिन रात भर संसद भवन में बहस चला था संसद भवन में मैं बहस क़े दौरान रात भर मौजूद था झारखंड की आत्मा जनजातीय समाज के प्रहरी श्री शिव स्वयं जी को विनम्र श्रद्धांजलि आज झारखंड की धरती शौक में डूबी है हमारे बीच सेवा व्यक्ति चला गया, जिसने अपने संघर्ष, त्याग और नेतृत्व से पूरे राज्य और समाज को नई पहचान दी, श्री शिबू सोरेन जी (गुरुजी) सिर्फ एक राज नेता नहीं थे, बल्कि वह एक आंदोलन थे, एक विचार थे, और एक जीती जागती प्रेरणा थे, उन्होंने जल जंगल जमीन की लड़ाई लड़ी और आदिवासी समाज के हक की आवाज को संसद से लेकर गांव तक बुलंद किया, झारखंड आंदोलन की हर पगडंडी पर उनका पसीना और बलिदान झलकता है, संघर्षों से निकले इस महानायक ने हमेशा गरीब, वंचित और शोषित जनता की आवाज बनकर काम किया, उनका जाना झारखंड की राजनीति और समाज के लिए अपूरणीय क्षति है, गुरु जी की विरासत हमें हमेशा अन्याय के खिलाफ खड़े होने और अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करने की प्रेरणा देती रहेगी, हम सब उनके सपनों के झारखंड को साकार करने के लिए सदैव संकल्पित रहेंगे गुरुजी हमेशा हमारे दिलों में जीवित रहेंगे शिबू सोरेन जी अमर रहे 
लंबे समय से बीमार चल रहे थे झामुमो के संस्थापक और पूर्व मुख्यमंत्री झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के संस्थापक, पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिशोम गुरु शिबू सोरेन का निधन हो गया। वह 81 वर्ष के थे और दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में इलाजरत थे। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोशल मीडिया पर दुख व्यक्त करते हुए कहा, "आज मैं शून्य हो गया हूँ"। उनके निधन से पूरे झारखंड में शोक की लहर है। 

रांची: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के संस्थापक दिशोम गुरु शिबू सोरेन का आज 81 वर्ष की आयु में निधन हो गया। वे पिछले करीब एक महीने से दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में इलाजरत थे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। उन्होंने लिखा, "आदरणीय दिशोम गुरुजी हम सभी को छोड़कर चले गए हैं। आज मैं शून्य हो गया हूँ।" उनके निधन की खबर से पूरे झारखंड में शोक की लहर दौड़ गई है। शिबू सोरेन झारखंड की राजनीति के एक प्रमुख स्तंभ थे और उनका जाना राज्य के लिए एक बड़ी क्षति है। झारखंड की मिट्टी आज शोक में डूबी है। एक ऐसा सपूत चला गया, जो कभी सत्ता के सामने झुका नहीं। पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड आंदोलन के अग्रदूत शिबू सोरेन का आज गंगा राम अस्पताल में निधन हो गया। 81 वर्षीय गुरूजी लंबे समय से अस्वस्थ चल रहे थे। वे तीन बार झारखंड के मुख्यमंत्री बने और झारखंड राज्य के गठन में उनका योगदान ऐतिहासिक रहा। आख़िर कैसे उन्होंने झारखंड की आवाज़ को राष्ट्रीय मंच तक पहुंचाया और खड़ी की एक मज़बूत राजनीतिक पार्टी — जानिए उनकी पूरी कहानी।          धरतीपुत्र, जिन्होंने धनकटी आंदोलन से आदिवासियों, दलितों और गरीबों को हक की जमीन दिलाने की लड़ाई शुरू की। जिन्होंने पिता को खोने के बावजूद समाज की लड़ाई को नहीं छोड़ा, बल्कि जल, जंगल और ज़मीन की पुकार को संसद के गलियारों तक पहुँचाया।

बहुजन चेतना की मशाल और झारखंडी अस्मिता की आवाज़ को हूल जोहार। प्रकृति उन्हें अपने आँचल में वही जगह दे, जो उन्होंने धरती के हर शोषित जन के दिल में पाई है।

अंतिम जोहार बाबा

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