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सदर अस्पताल बोकारो में भव्य कार्यक्रम कर नवजात बेटियों एवं उनके अभिभावकों को दिया गया बधाई

बधाई हो बेटी हुई है... बेटियों के जन्म पर खुश हो – उल्लास मनाएं - उपायुक्त

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बेटियों को आगे बढ़ाने - सशक्त करने, समाज में बदलाव के लिए मानसिकता में बदलाव जरूरी

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बेटियों को भी आगे बढ़ने की आजादी दें, उन्हें प्रोत्साहित करें – सरकार की मंईयां सम्मान योजना भी महिलाओं को सशक्त करने का माध्यम

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आमजन अपने माइंडसेट को बदले, बेटा – बेटी में नहीं करें भेद भावः डॉ. प्रतिमा झा

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समाज बेटा – बेटी दोनों को सामान अवसर प्रदान करें, अभिभावक बेटियों को प्यास से आगे बढ़ाएं – डीडीसी

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सदर अस्पताल बोकारो में भव्य कार्यक्रम कर नवजात बेटियों एवं उनके अभिभावकों को दिया गया बधाई

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उपायुक्त श्री अजय नाथ झा के मार्ग दर्शन में समाज कल्याण विभाग द्वारा गुरुवार को बधाई हो बेटी हुई है... कार्यक्रम की शुरूआत सदर अस्पताल स्थित मातृ – शिशु वार्ड में एक भव्य समारोह कर की गई। मौके पर स्वयं उपायुक्त, उनकी धर्मपत्नी डा. प्रतिमा झा, उप विकास आयुक्त श्रीमती शताब्दी मजूमदार, सिविल सर्जन डा. ए बी प्रसाद, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी श्री रवि कुमार, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी डा. सुमन गुप्ता, सदर अस्पताल उपाधीक्षक डा. एन पी सिंह, सहायक जनसंपर्क पदाधिकारी अविनाश कुमार सिंह, पीएमयू की टीम समेत अन्य उपस्थित थे।  

सबसे पहले उपायुक्त श्री अजय नाथ झा, उनकी धर्मपत्नी डा. प्रतिमा झा, उप विकास आयुक्त श्रीमती शताब्दी मजूमदार व अन्य के द्वारा नवजात बेटियों के अभिभावकों को क्रमवार उनके घर बेटी होने की उन्हें बधाई दी गई। बेटी के जन्म की इस खुशी को साझा करते हुए सभी पदाधिकारियों ने अभिभावकों को मिठाई खिलाई गई और उनका मुंह मिठा कराया गया। इसके साथ ही प्रसव के पश्चात आवश्यक मेडिकल कीट और बच्चों से संबंधित किट प्रदान किया गया।

समारोह को जीवंत और उल्लासपूर्ण बनाने के लिए धीमी ताल पर पारंपरिक ढोल-नगाड़ों की धुन बजाई गई, जिससे अस्पताल परिसर में एक खुशनुमा, पारिवारिक और उत्सव का माहौल बन गया। अभिभावकों के चेहरे पर खुशी और गर्व का पल साफ झलक रहा था।

मौके पर अपने संबोधन में उपायुक्त श्री अजय नाथ झा ने कहा कि बेटी के जन्म को बोझ नहीं, सौभाग्य समझें। अब समय आ गया है कि हम अपने मानसिकता में बदलाव लाएं और बेटियों के जन्म को खुशी और उल्लास से मनाएं। जब तक समाज में मानसिक स्तर पर बेटियों को लेकर समानता का भाव नहीं आएगा, तब तक असल बदलाव संभव नहीं है। उन्होंने जिलेवासियों को आह्वान किया कि समाज बेटियों को शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, सुरक्षा जैसे सभी क्षेत्रों में समान अवसर दें। साथ ही, अपने आस - पास बेटियों के जन्म पर उनके अभिभावकों को बधाई दें, मिठाई खिलाएं।   

बेटियों को आगे बढ़ने की आजादी दें, मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना बना रही सशक्त

उपायुक्त ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना जैसे कार्यक्रम महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने का ही एक माध्यम है। यह आवश्यक है कि अभिभावक अपनी बेटियों को आगे बढ़ने की पूरी आजादी दें और उनको प्रोत्साहित करें।

अपने माइंडसेट को बदले – बेटा-बेटी में ना करें भेदभावः डॉ. प्रतिमा

इस अवसर पर उपस्थित उपायुक्त की धर्मपत्नी डॉ. प्रतिमा ने कहा कि अब वक्त है अपने माइंडसेट को बदलने का। बेटा - बेटी में भेदभाव नहीं होना चाहिए। दोनों को समान शिक्षा, संरक्षण और स्नेह मिलना चाहिए।

बेटा - बेटी दोनों को मिले समान अवसर – बेटियों को आगे बढ़ाएंः डीडीसी

मौके पर उप विकास आयुक्त श्रीमती शताब्दी मजूमदार ने कहा कि समाज तभी प्रगति कर सकता है जब बेटा और बेटी दोनों को बराबरी का मौका मिले। अभिभावक अपनी बेटियों को भी हर क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करें। आज मैंने जो भी हासिल किया है, उसके पीछे मेरे अभिभावकों का बड़ा सोच रहा होगा। उन्होंने बेटो के साथ बेटियों को भी प्यार से आगे बढ़ाने की बात कहीं।  

वहीं, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी डा. सुमन गुप्ता ने बताया कि बधाई हो बेटी हुई है... कार्यक्रम के तहत शहरी व ग्रामीण स्तर पर जन जागरूकता को लेकर कई कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि जब करनी हो समाज की रक्षा, तो बेटी की करो सुरक्षा...। मौके पर कई चिकित्सक, नर्सिंग स्टाफ, प्रशासनिक पदाधिकारी एवं परिजन उपस्थित थे। 

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