■ गरीब ग्रामीण युवाओं को भविष्य के लिए तैयार कुशल कार्यबल में बदलना - डीडीसी....
■ दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना के तहत कौशल विकास के विभिन्न आयामों पर एक दिवसीय सेंसटाइजेशन कार्यशाला का आयोजन सेक्टर-4 स्थित मिलन विवाह मंडप के सभागार में एक आयोजित किया गया।
■ दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना (डीडीयू-जीकेवाई) राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तत्वावधान में ग्रामीण विकास मंत्रालय का प्लेसमेंट से जुड़ा कौशल कार्यक्रम है
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बोकारो :- झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी (जेएसएलपीएस) द्वारा दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना के तहत कौशल विकास के विभिन्न आयामों पर एक दिवसीय सेंसटाइजेशन कार्यशाला का आयोजन सेक्टर-4 स्थित मिलन मंडप के सभागार में आयोजित किया गया। कार्यशाला का उद्घाटन मुख्य अतिथि उप विकास आयुक्त श्रीमती कीर्ती श्रीजी सहित अन्य उपस्थित गणमान्य अतिथियों द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया गया। साथ ही सभी अतिथियों को पौधा देकर स्वागत किया गया। उप विकास आयुक्त श्रीमती कीर्ती श्री जी ने कहा कि गरीब ग्रामीण युवाओं को भविष्य के लिए तैयार कुशल कार्यबल में बदलना है। यह कार्यक्रम वंचित कौशल का निर्माण करके नौकरी हासिल करके ग्रामीण युवाओं को आर्थिक रुप से स्वतंत्र बनने में मदद कर रहा है।
■ गरीब ग्रामीण युवाओं को भविष्य के लिए तैयार कुशल कार्यबल में बदलना-
उप विकास आयुक्त श्रीमती कीर्ती श्री जी अपने संबोधन में कहा कि । यह कार्यक्रम ग्रामीण गरीब युवाओं की रोजगार की जरूरतों पूरा करता है। उन्होंने आगे कहा कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य DDU-GKY योजना में होने वाली समस्याओं पर चर्चा कर उन्हें निष्पादित करने को कहा। साथ ही सभी जनप्रतिनिधियों के सहयोग से योजनाएं धरातल पर लाने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कई कल्याणकारी योजनाएं धरातल पर लाया गया है जिसको योग्य लाभों तक पहुंचाने के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है। ऐसे किये गए कार्यों का नतीजा है कि आज दीदियों के जीवन में सकता आई है और हमें कल्याणकारी योजना के अंतर्गत किए जाने वाले कार्य करना और अंतिम योग्य लाभ को लाभ पहुंचाना।
■ गत वर्ष 2022-23 में 861 के विरुद्ध 874 युवक और युवतियों को उनके इच्छुक ट्रेडों में प्रशिक्षण प्रदान किया है-
कार्यशाला में जेएसएलपीएस के डीपीएम श्री प्रकाश रंजन ने बताया कि दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना भारत सरकार की एक महत्वकांक्षी कौशल योजना है। जो ग्रामीण गरीब को रोजगार और आजीविका के अवसर प्रदान करने पर केंद्रित है। यह प्रोग्राम प्लेसमेंट से जुड़ा है। जिसमें ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं को कौशल विकास और प्रशिक्षण प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित करता है। योजना का मुख्य लक्ष्य ग्रामीण गरीब युवाओं को आवश्यक कौशल और प्लेसमेंट से सशक्त बनाना है। ताकि वह अपने संबंधित क्षेत्रों में लाभ प्राप्त कर सके। उन्होंने कहा जेएसएलपीएस ने गत वर्ष 2022-23 में 861 के विरुद्ध 874 युवक और युवतियों को उनके इच्छुक ट्रेडों में प्रशिक्षण प्रदान किया है। वहीं रोजगार से जोड़ने के 608 के विरुद्ध 467 युवाओं को प्रशिक्षित कर रोजगार उपलब्ध कराया है। साथ ही वर्ष 2023-24 में 889 के विरुद्ध 202 युवक और युवतियों को उनके इच्छुक ट्रेडों में प्रशिक्षण प्रदान किया है। साथ ही वहीं रोजगार से जोड़ने के 622 के विरुद्ध 93 युवाओं को प्रशिक्षित कर रोजगार उपलब्ध कराया है।
■ योजना मुख्य रूप से गरीब परिवारों के युवाओं के लिए काम करती-
स्टेट मैनेजर श्री अखिलेश मिश्रा ने बताया कि यह योजना मुख्य रूप से गरीब परिवारों के युवाओं के लिए काम करती है और जिनकी उम्र 15 से 35 वर्ष के बीच है। DDU-GKY सरकार के सामाजिक और आर्थिक कार्यक्रमों, जैसे स्मार्ट सिटी और स्टार्ट-अप इंडिया, मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया और स्टैंड-अप इंडिया अभियानों का समर्थन करता है। यह योजना के भागीदारों को क्षमता निर्माण, रिटेंशन के लिए स्ट्रेटजी, निवेश, प्रशिक्षण उद्देश्यों के लिए प्रौद्योगिकी समर्थन और अंतरराष्ट्रीय प्लेसमेंट के लिए लिंक के माध्यम से समर्थन करती है।
DDU-GKY के लिए योग्यता-
आवेदक की आयु 15 से 35 वर्ष के बीच होनी चाहिए
सभी भारतीय महिलाएं योग्य हैं
विकलांग व्यक्ति (PWD)
ट्रांसजेंडर और अन्य विशेष समूह
SC और ST के लिए 50% फंड आरक्षित
अल्पसंख्यक समूहों के लिए 15%
विकलांग लोगों के लिए 3%
हर ट्रेनिंग प्रोग्राम में 33% महिलाएँ हैं
विशेष रूप से कमज़ोर जनजातीय समूहों (PVTGs) से जुड़ें लोग
■ दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्या योजना-
दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना (डीडीयू-जीकेवाई) का उद्देश्य ग्रामीण युवाओं को कौशल प्रदान करना है जो गरीब हैं और उन्हें नियमित मासिक वेतन या न्यूनतम वेतन से अधिक की नौकरी प्रदान करते हैं। यह ग्रामीण विकास मंत्रालय , भारत सरकार की उन पहलों में से एक है जो ग्रामीण आजीविका को बढ़ावा देना चाहता है। यह राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) का एक हिस्सा है - गरीबी उन्मूलन मिशन जिसे आजीविका कहा जाता है । यह योजना 55 मिलियन से अधिक गरीब ग्रामीण युवाओं को लाभान्वित करेगी जो स्थायी रोजगार प्रदान करके कुशल बनने के लिए तैयार हैं।
कार्यशाला में धनबाद सांसद प्रतिनिधि श्री आर.एन. ओझा, चंदनकियारी विधायक प्रतिनिधि, सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं अंचल अधिकारी, सभी प्रखंड प्रमुख, डीपीएम जेएसएलपीएस श्री प्रकाश रंजन सहित अन्य उपस्थित थे।
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