बदल रहा है अपना बिहार,हर तरफ मची है चीख,पुकार
धर्म के नाम पर कब बंद होगा अत्याचार,पूछ रहा है यह बिहार ?
सूबे के मुखिया का गृह जिला नालंदा के बिहार शरीफ और शेरशाह के शहर सासाराम में जो घटनाएं हुई है वह शर्मनाक है।सुशासन और न्याय के दावे को झूठलाती कई तस्वीर दिल को दहला देती हैं।महागठबंधन की सरकार के बावजूद अल्पसंख्यक निशाने पर हैं।बिहार की यह तस्वीर यक़ीनन सरकार और सरकार के माथे पर कलंक है।24 के चुनाव की आहट के बीच बिहार में जो कुछ हो रहा है वह विपक्ष को मजबूत बनाने में मददगार होगा।लेकिन सरकार के लिए एक चुनौती है कि अल्पसंख्यक समाज के नुकसान की भरपाई कैसे होगी।क्योंकि बिहार शरीफ,सासाराम की घटनाओं मे सबसे ज्यादा नुकसान अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को हुई है।मस्जिद,मदरसे,दुकाने जलाकर सबसे अधिक अल्पसंख्यक समुदाय को नुकसान पहुंचाया गया है।जो बिहार पूरे विश्व को शांति का संदेश देता है वही बिहार आज पूरे विश्व को कुछ और ही संदेश दे रहा है।राम नवमी का पर्व जहां हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा था तो वहीं कुछ असमाजिक तत्वों ने धर्म की आड़ में नफरत भरा माहौल तैयार कर दिया।इस पूरी घटना की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए और दोषियों को सख्त सजा भी।क्योंकि बात बिहार शरीफ की नहीं बल्कि बिहार की है।ये वही बिहार है जहां 2005 से न्याय के साथ विकास की सरकार चली।लेकिन बिहार में अभी यह न्याय और विकास अलग अलग रास्ते पर है।सरकार को चाहिए कि अविलंब ऐसे लोगों को चिन्हित करें जो बिहार को बदनाम करने की साजिश मे लगे है।
आपकी खिदमत में मोहम्मद शाहनवाज अता 9934256518
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